इस महीने के पहले पखवाड़े में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने रिकॉर्ड 66,300 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। इसकी वजह भारत में बेचो और चीन में खरीदो का बढ़ता रुझान है। इस बिकवाली का सबसे ज्यादा असर वित्तीय क्षेत्र के शेयरों पर दिखा है। एनएसडीएल के आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने वित्तीय शेयरों, खास तौर से बैंक शेयरों से 23,274 करोड़ रुपये (2.8 अरब डॉलर) की निकासी की है।
तेल और गैस कंपनियों (मुख्य रूप से रिलायंस), ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर से क्रमश: 12,371 करोड़ रुपये, 8,131 करोड़ रुपये और 6,818 करोड़ रुपये निकाले गए हैं। बिकवाली की रफ्तार इतनी तेज थी कि शायद ही कोई क्षेत्र इससे अछूता रहा होगा। हालांकि धातु और यूटिलिटीज क्षेत्र मामूली निवेश हासिल करने में कामयाब रहा।
वित्तीय क्षेत्र के शेयरों में एफपीआई का आवंटन सबसे ज्यादा 27.7 फीसदी है (पिछले पखवाड़े से 13 आधार अंक कम)। इसके परिणामस्वरूप एफपीआई की बिकवाली के दौरान इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा बिकवाली हुई। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के शेयरों में दूसरा सबसे बड़ा आवंटन है। लेकिन इस क्षेत्र को लेकर सकारात्मक धारणा के बीच इसे किसी तरह की परेशानी नहीं हुई।