आगामी केंद्रीय बजट 2025 को लेकर एशिया के बड़े कपड़ा बाजारों के व्यापारियों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। वस्त्र उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और व्यापारी इस बजट में अपने उद्योग को मजबूती देने वाले प्रावधानों की मांग कर रहे हैं।
व्यापारियों की प्रमुख मांगों में जीएसटी दरों में कमी, आसान लोन सुविधा और निर्यात को बढ़ावा देने वाली नीतियां शामिल हैं। उनका कहना है कि कपड़ा उद्योग पर मौजूदा जीएसटी दरें कई छोटे और मध्यम व्यापारियों के लिए चुनौती बन रही हैं। व्यापारियों का सुझाव है कि कपड़ों और धागों पर जीएसटी की दर को समान किया जाए, ताकि उद्योग में संतुलन बना रहे।
इसके अलावा, व्यापारियों का मानना है कि सरकार को सस्ते और सुलभ कर्ज की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि छोटे व्यवसायों को आगे बढ़ने का अवसर मिले। टेक्सटाइल सेक्टर में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विशेष पैकेज की भी मांग की जा रही है। व्यापारियों का कहना है कि अगर सरकार आयात शुल्क में राहत और टेक्सटाइल हब के विकास पर ध्यान दे, तो भारत वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा में मजबूती हासिल कर सकता है।
व्यापारियों को उम्मीद है कि इस बार का बजट उनकी समस्याओं को समझते हुए नीतिगत सुधार लाएगा, जिससे टेक्सटाइल उद्योग को नई ऊंचाइयां मिल सकेंगी।
इस विषय पर देखें बिजनेस स्टैंडर्ड हिन्दी की ये वीडियो स्टोरी…