राष्ट्रपति अभिभाषण पर लोकसभा में चर्चा, सत्ता-विपक्ष में छिड़ी जंग

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राष्ट्रपति के पूरे संबोधन में ‘मुसलमान तो छोड़िए, अल्पसंख्यक शब्द का भी इस्तेमाल’ भी नहीं हुआ।

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भाषा   
Last Updated- February 02, 2024 | 11:33 PM IST

ओवैसी ने मुसलमानों के साथ पक्षपात का आरोप लगाया तो चिंदबरम ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में एक भी बार मणिपुर हिंसा की बात नहीं की राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर शुक्रवार को लोकसभा में चर्चा की गई।

हैदराबाद के सांसद एआईएमआईएम सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राष्ट्रपति के पूरे संबोधन में ‘मुसलमान तो छोड़िए, अल्पसंख्यक शब्द का भी इस्तेमाल’ भी नहीं हुआ।

उन्होंने आरोप लगाया कि देश की आबादी में 14 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले मुसलमानों को नरेंद्र मोदी सरकार के तहत अपनी पहचान का खतरा नजर आ रहा है।

वहीं भाजपा के रामचरण बोहरा ने कहा कि यह सरकार ‘गरीब को गणेश’ मानकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत’ की प्रधानमंत्री मोदी की परिकल्पना को साकार करने के लिए पर्यटन क्षेत्र में भी बहुत काम किया गया है और देश की साख दुनिया में बढ़ी है।

कांग्रेस के कार्ति चिदंबरम ने कहा कि उनकी पार्टी देश में सांस्कृतिक, भाषाई और धार्मिक विविधता को बचाने के लिए लड़ रही है और ‘एक धर्म, एक संस्कृति, एक भाषा और अब एक मंदिर, एक भगवान की सोच का हम हमेशा विरोध करते रहेंगे।’

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने कहा कि भाजपा सांसदों को केवल अच्छी-अच्छी बातें नहीं करनी चाहिए बल्कि उन्हें जमीनी हकीकत की भी बात करनी चाहिए। भाजपा के रमेश विधूड़ी ने कहा कि मोदी सरकार की सोच में नयापन है।

First Published : February 2, 2024 | 11:33 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)