लेखक : बीएस संपादकीय

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

Editorial: ‘मागा’ की वापसी! ‘आज़ादी का दिन’ या वैश्विक अनिश्चितता की शुरुआत?

यह सही है कि आंतरिक व्यवस्था के हिसाब से माहौल काफी संतुलित था लेकिन दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद डॉनल्ड ट्रंप ने जो आरंभिक भाषण दिया वह भी 2017 के भाषण जैसा ही था। इसमें भी अमेरिका को प्राथमिकता देने वाले एजेंडे को बढ़ावा देने की बात कही गई और अमेरिका तथा शेष विश्व […]

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Editorial: दावोस में भारतीय राज्य

घरेलू निजी निवेश की कमजोरी और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में धीमी गति से हो रही वृद्धि के बीच केंद्र और राज्य सरकारों ने दावोस के स्विस स्की रिजॉर्ट में आयोजित हो रही विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक में कामयाबी का हरसंभव प्रयास आरंभ कर दिया है। वहां हमारे देश के दो पविलियन होंगे। […]

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Editorial: ट्रम्प, वर्ल्ड बैंक, IMF और भारत

इस वर्ष घटी आर्थिक घटनाओं के परिणामों पर दुनिया भर में काफी चिंता का माहौल है। काफी कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि डॉनल्ड ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका में क्या नीतिगत बदलाव आते हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक ने गत सप्ताह अपने आर्थिक अनुमान जारी कर […]

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Editorial: मौसम विभाग की क्षमता में सुधार

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने 1875 में अपनी शुरुआत से लेकर अब तक काफी सफर तय कर लिया है। इसमें समय के साथ काफी सुधार हुआ है और अब यह देश की वैज्ञानिक उन्नति का प्रतीक है। यह अल्पावधि में और दीर्घावधि में मौसम के रुझानों की विशेषज्ञतापूर्वक जानकारी देता है और मौसम से जुड़ी […]

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Editorial: कायम होगा अमन?

दुनिया भर में प्रसन्नता की लहर के बावजूद इजरायल और हमास के बीच 15 महीनों से चल रहे संघर्ष में स्थायी शांति की संभावना बहुत कम नजर आती है। इस संघर्ष में अब तक 1.20 लाख लोग हताहत हो चुके हैं। इनमें अनेक महिलाएं और बच्चे हैं। इस दौरान 19 लाख गाजावासी विस्थापित हुए। तीन […]

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Editorial: कैसे दोहा, दुबई से बेहतर होगा दिल्ली

खबरों के मुताबिक पूर्ण सेवाएं प्रदान करने वाली देश की इकलौती विमानन सेवा एयर इंडिया स्वयं को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए और अधिक आकर्षक बनाने के प्रयास में है। इनमें भारत आने और यहां से बाहर जाने वाले यात्रियों के साथ-साथ वे यात्री भी शामिल हैं जिन्हें दो अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों की यात्रा के दरमियान भारतीय […]

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Editorial: अर्थव्यवस्था के हर मोर्चे पर मुश्किल लड़ाई

दिसंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में मामूली गिरावट से देश के आर्थिक प्रबंधकों को कुछ राहत मिलती नजर नहीं आती क्योंकि हाल के महीनों में नीतिगत जटिलता बहुत बढ़ी है। सोमवार को जारी आंकड़े बताते हैं कि मुद्रास्फीति की दर 5.22 फीसदी के साथ चार महीनों के निचले स्तर पर आ गई है। […]

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Editorial: महाकुंभ के आयोजन से सबक

सोमवार को महाकुंभ मेला आरंभ हो गया और यह अगले 45 दिन तक चलेगा। यह मेला संगठनात्मक क्षमता और सरलता की कामयाबी है। अनुमान है कि यहां 40 करोड़ लोग पहुंचेंगे जो ऐतिहासिक रूप से मनुष्यों का सबसे बड़ा जुटान होने जा रहा है। पहले दिन सुबह 9.30 बजे के पहले ही 60 लाख लोग […]

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Editorial : अमेरिका के प्रतिबंधों का भारत पर असर?

अमेरिका में जो बाइडन के नेतृत्व वाले प्रशासन ने जाते-जाते उठाए गए एक अहम कदम में रूसी ऊर्जा क्षेत्र पर प्रतिबंधों का दायरा बढ़ा दिया है। गत सप्ताह घोषित ये उपाय मौजूदा प्रतिबंधों में इजाफा करने वाले हैं और बहुत संभव है कि ये पहले ही दबाव से जूझ रहे ऊर्जा क्षेत्र में और अधिक […]

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Editorial: हल्दीराम से अमूल तक, ग्लोबल मंच पर भारतीय ब्रांड्स की मजबूती और चुनौतियां

कई विदेशी प्राइवेट इक्विटी फर्मों द्वारा देश की स्नैक्स फूड निर्माता कंपनी हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने के लिए हो रही होड़ हमें यह भी याद दिलाती है कि वैश्विक बाजारों में भारतीय ब्रांडों की उपस्थिति यदाकदा ही नजर आती है। वर्ष1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था के वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए खुलने के बाद से ही भारतीय […]