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Editorial: ‘मागा’ की वापसी! ‘आज़ादी का दिन’ या वैश्विक अनिश्चितता की शुरुआत?

2021 को जिस कैपिटल पर उनके समर्थकों ने हमला किया था वहीं से दिए उनका गलतियों से भरा भाषण दोबारा अमेरिका को महान बनाने यानी मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (मागा) के दावों पर आधारित था।

Last Updated- January 21, 2025 | 9:41 PM IST
Donald Trump to keep 30% China tariffs through late 2025, say analysts

यह सही है कि आंतरिक व्यवस्था के हिसाब से माहौल काफी संतुलित था लेकिन दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद डॉनल्ड ट्रंप ने जो आरंभिक भाषण दिया वह भी 2017 के भाषण जैसा ही था। इसमें भी अमेरिका को प्राथमिकता देने वाले एजेंडे को बढ़ावा देने की बात कही गई और अमेरिका तथा शेष विश्व को यह संकेत दिया गया कि 47वें राष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल भी 45वें राष्ट्रपति के रूप में पिछले कार्यकाल की तरह ही उथलपुथल भरा होगा।

छह जनवरी, 2021 को जिस कैपिटल पर उनके समर्थकों ने हमला किया था वहीं से दिए उनका गलतियों से भरा भाषण दोबारा अमेरिका को महान बनाने यानी मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (मागा) के दावों पर आधारित था। उनके समर्थकों ने भी बार-बार खड़े होकर तालियां बजाई और उनका उत्साह बढ़ाया।

ट्रंप को उनके इरादों के लिए सबसे लंबी और सबसे तेज सराहना मिली। उन्होंने एक कार्यकारी आदेश जारी करके दक्षिणी सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दी है। वहां से अवैध प्रवासियों को वापस भेजने के लिए सैनिक तैनात किए जा रहे हैं। इसका असर भी नजर आने लगा है। आवेदकों के साक्षात्कार के लिए उनकी निर्धारित मुलाकातों को ट्रंप के पद संभालने के कुछ समय के भीतर ही रद्द किया जाने लगा।

ट्रंप ने अश्वेत और हिस्पैनिक समुदायों का भी धन्यवाद किया क्योंकि उन्होंने 2020 की तुलना में इस चुनाव में उनके लिए बढ़चढ़कर मतदान किया। यह डेमोक्रेटिक पार्टी को उनका संदेश था। हालांकि इस बीच उनके प्रशासन ने यह घोषणा की कि वह विविधता, समता और समावेशन के कार्यक्रम को रद्द करेगा। यह ट्रंप की इस घोषणा के अनुरूप ही है कि उनका प्रशासन नस्ल निरपेक्ष और योग्यता पर आधारित होगा। जन्म के आधार पर नागरिकता समाप्त करने की उनकी कोशिश भी इसी एजेंडे का हिस्सा है। हालांकि विशेषज्ञ कहते हैं कि यह कानूनी रूप ​से स्वीकार्य नहीं है।

दुनिया तापमान में असाधारण बढ़ोतरी का सामना कर रही है और ऐसे में ट्रंप का ग्रीन न्यू डील को खत्म करने और इलेक्ट्रिक वाहन की अनिवार्यता को समाप्त करने का फैसला भी कम महत्त्वपूर्ण नहीं है। हालांकि ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं है बल्कि केवल उत्सर्जन संबंधी नियमन हैं लेकिन जीवाश्म ईंधन पर नए सिरे से दिए जा रहे जोर की अनदेखी नहीं की जा सकती है।

मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए तेल एवं गैस के उत्पादन से नियंत्रण हटाने की ट्रंप की घोषणा भी इससे संबंधित है। उन्होंने ईंधन की कीमतों में कमी लाने के लिए ‘ड्रिल बेबी ड्रिल’ यानी और अधिक खुदाई करने पर जोर दिया। वैश्विक स्तर पर ईंधन की कीमतों में कमी भारत जैसे आयातकों के लिए मददगार होगी। बहरहाल, दूसरा पक्ष यह है कि उन्होंने एक बार फिर पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते तथा विश्व व्यापार संगठन से अलग होकर अपनी अलग राह पर चलने की बात जाहिर की।

दोनों कदम भारत जैसे विकासशील देशों पर बुरा असर डालेंगे। ट्रंप ने अन्य देशों पर टैरिफ और कर बढ़ाने के अपने इरादे भी दोहराए। उन्होंने नए टैरिफ, शुल्क और राजस्व संग्रह करने के लिए बाह्य राजस्व सेवा स्थापित करने की बात भी कही। इससे व्यापारिक युद्ध और बढ़ेंगे। इस क्षेत्र में भी भारत को सावधानी बरतनी होगी।

ट्रंप इस बात से अवगत हैं कि वह राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले पहले दोषसिद्ध व्यक्ति हैं। उन्होंने चार साल पहले कैपिटल पर हमले के आरोपी सभी लोगों को क्षमादान की घोषणा करके अपने प्रशासन की प्रकृति जाहिर कर दी है। उन्होंने अपने सत्ता में आने को एक ‘स्वर्ण युग’ की शुरुआत के रूप में पेश किया। यह एक खास किस्म के अमेरिकी नागरिकों द्वारा अमेरिकी महानता की दृष्टि को नए सिरे से पेश करना था। अगर उनके भाषण ने माहौल बनाया तो 1985 में रोनाल्ड रीगन के दूसरे शपथ ग्रहण के बाद पहली बार कैपिटल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद लोगों को देखकर 47वें राष्ट्रपति के कार्यकाल के बारे में और अधिक संकेत मिलते हैं।

टेक जगत के दिग्गज टेस्ला के ईलॉन मस्क, एमेजॉन के जोफ बेजोस, अल्फाबेट के सुंदर पिचाई, मेटा के मार्क जकरबर्ग और टिक टॉक के सीईओ शू जी चोऊ को इस समारोह में प्रमुख स्थान दिए गए। इन्हें राष्ट्रपति के परिवार से घुलते-मिलते देखा गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ट्रंप का आने वाला शासन कैसा होगा। ट्रंप ने दावा किया कि 20 जनवरी, 2025 ‘आज़ादी का दिन’ है जबकि वास्तव में यह तारीख उस पल को रेखांकित करती है जब दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश दुनिया को एक बार फिर अधिक अव्यवस्था और अनिश्चितता की ओर ले जाएगा।

First Published - January 21, 2025 | 9:41 PM IST

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