लेखक : हर्ष कुमार

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

PM Mudra Yojana: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में किशोर लोन का औसत घटा, शिशु और तरुण में इजाफा

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत किशोर श्रेणी के ऋण का औसत आकार वित्त वर्ष 2024-25 घटकर 1,20,111 रुपये रह गया है। यह वित्त वर्ष 2015-16 के 2,08,037 रुपये की तुलना में कम है। बहरहाल शिशु श्रेणी में ऋण का औसत आकार 19,411 रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 37,403 रुपये हो गया है। […]

अर्थव्यवस्था, ताजा खबरें, बाजार

पेंशन नियामक के अगले मुखिया रमन

केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने शिवसुब्रमण्यम रमन को पेंशन नियामक व विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) का नया चेयरमैन नियुक्त किया। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली इस समिति ने बुधवार को रमन की नियुक्ति को मंजूरी दे दी। अभी रमन भारत के उप नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) हैं और वे कैग के मुख्य तकनीकी अधिकारी […]

ताजा खबरें, बैंक, भारत

प्राइवेट और सरकारी बैंकों के साथ गुरुवार को बैठक करेगा वित्त मंत्रालय, सभी योजनाओं का मांगेगा हिसाब-किताब

केंद्रीय वित्त मंत्रालय गुरुवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) और कुछ चुनिंदा निजी क्षेत्र के बैंकों के साथ एक समीक्षा बैठक आयोजित करने जा रहा है। यह बैठक विभिन्न सरकारी योजनाओं की प्रगति और नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) के परफॉर्मेंस का आकलन करने के लिए होगी। यह जानकारी एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी […]

आज का अखबार, आपका पैसा

नया वित्त वर्ष, नए बदलाव! 1 अप्रैल से बदल जाएंगे ये बड़े नियम, जानें आपके लिए क्या है खास

एक अप्रैल से वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत होने जा रही है और उसके साथ ही कई प्रमुख वित्तीय और नियामकीय बदलाव भी होंगे। इनमें आय कर स्लैब, एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) तथा सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रम (एमएसएमई) के लिए सीमा में इजाफा आदि शामिल हैं जिससे खपत को गति मिलेगी, सामाजिक सुरक्षा मजबूत […]

आज का अखबार, वित्त-बीमा

बैंकों के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो पर वित्त मंत्री का बयान, कहा – कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पूर्ण नियामक अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए स्वर्ण ऋण पोर्टफोलियो का व्यापक ऑडिट करने के लिए कहा गया था मगर इसमें कोई बड़ी चूक की सूचना नहीं मिली। सीतारमण बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पर राज्य सभा में चर्चा का जवाब दे […]

कमोडिटी, ताजा खबरें, भारत

मोदी सरकार ने बंद की ये गोल्ड स्कीम, अगर आपका सोना इस योजना में जमा है तो जानें क्या करें?

Gold Monetisation Scheme: वित्त मंत्रालय ने मंगलवार (25 मार्च) को गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (GMS) के तहत मीडियम और लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (MLTGD) घटकों को 26 मार्च से बंद करने की घोषणा की। वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, यह फैसला स्कीम के प्रदर्शन और बदलते बाजार हालात की व्यापक समीक्षा के बाद लिया […]

आज का अखबार, ताजा खबरें, बाजार, शेयर बाजार, समाचार

सरकारी कंपनियों के डिविडेंड में रिकॉर्ड उछाल: 2025 में सरकार को 70,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई संभव

वित्त वर्ष 2025 में केंद्र के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) का लाभांश भुगतान सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने वाला है। चालू वित्त वर्ष में अब तक सरकार को 69,873 करोड़ रुपये लाभांश सार्वजनिक उद्यमों से मिल चुका है। एक सरकारी अधिकारी ने नाम न सार्वजनिक करने की शर्त पर कहा कि चालू वित्त वर्ष के […]

उद्योग, फिनटेक

पेमेंट्स बैंकों की सरकार से मांग, डिपॉजिट लिमिट ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख की जाए

पेमेंट्स बैंकों ने केंद्र सरकार से एक खाते में अधिकतम डिपॉजिट सीमा को ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करने की मांग की है। यह मांग हाल ही में दिल्ली में वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के सचिव एम. नागराजू की अध्यक्षता में हुई बैठक में की गई। बैठक में शामिल एक सूत्र के मुताबिक, बैंकों […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

Disinvestment: मोदी सरकार के कार्यकाल में विनिवेश से कमाई 11 साल के निचले स्तर पर, अब तक जुटे सिर्फ 9,319 करोड़ रुपये

केंद्र सरकार की वित्त वर्ष 2025 में विनिवेश से प्राप्तियां 2014-15 में नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यभार संभालने के बाद के सबसे निचले स्तर पर आ गई हैं। चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2025) में सरकार ने अब तक अल्पांश हिस्सेदारी बेचकर 9,319.05 करोड़ रुपये जुटाए हैं। वित्त वर्ष 2023 (2023-24) में सरकार को विनिवेश […]

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

सरकारी बैंकों के बोर्ड में 42% पद खाली, सरकार ने जल्द भरने का दिया भरोसा

देश के सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों के बोर्ड में निदेशकों के 42 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। लोक सभा में एक जवाब में वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी। सरकार ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक समय-समय पर बैंक के बोर्ड में रिक्तियों तथा उनके समक्ष आने वाली कठिनाइयों (यदि कोई हो) के […]