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इस हफ्ते सोने के बाजार में नरमी के आसार!

Last Updated- December 09, 2022 | 9:14 PM IST

निवेश के दूसरे स्रोतों के नीचे जाने से सोने की कीमत अगले हफ्ते घटने की संभावना है। कारोबारियों के मुताबिक, दूसरे स्रोतों का अवमूल्यन होने से सोने की मांग प्रभावित होगी।


वित्तीय बाजार के कमजोर रुख की वजह से सोने की हेजिंग क्षमता प्रभावित हो सकती है। विश्लेषकों की मानें तो सोने का समर्थन मूल्य लंदन मेटल एक्सचेंज में 820 डॉलर प्रति औंस के  आसपास जा सकता है।

इसका मतलब यह हुआ कि देश में सोने की कीमत 13 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे चला जााएगा। प्रमुख विश्लेषकों की राय में ऐसा होने से आने वाले दिनों में सोने की खरीदारी बढ़ सकती है। मुंबई के झावेरी बाजार के कारोबारियों के मुताबिक, उपभोक्ताओं के व्यवहार में उल्लेखनीय परिवर्तन हुआ है।

पहले जहां निवेश और फैशन के लिए खरीदारी होती थी, वहीं अब इसके खरीदार जरूरत होने पर ही खरीदारी कर रहे हैं। एक कारोबारी ने बताया, ”अमेरिकी आर्थिक संकट के चलते लोग अब नकद रखने को प्राथमिकता दे रहे हैं, जबकि पहले लोग सोने में निवेश करने को तवज्जो देते थे।”

अमेरिकी श्रम विभाग के मुताबिक, वहां पिछले साल दूसरे विश्वयुद्ध के बाद नौकरियों में सबसे अधिक कटौती हुई। यही नहीं, सरकार के राहत पैकेज और करों में कटौती के चलते उम्मीद है कि संघीय बजट का घाटा 1.18 लाख करोड़ डॉलर के पार चला जाएगा।

गौरतलब है कि अमेरिकी सरकार ने 25 नवंबर को वहां की कंपनियों के लिए 8.5 लाख करोड़ डॉलर से अधिक का राहत पैकेज घोषित किया।

आर्थिक मंदी से उबारने की कोशिशों के तहत यह सहायता दी गयी है। नवनियुक्त राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी 77.5 हजार करोड़ डॉलर अतिरिक्त आर्थिक उत्प्रेरक पैकेज का समर्थन किया है।

पिछले साल, सोने में 2004 के बाद सबसे कम तेजी दर्ज की गई। 2005 के बाद डॉलर में आई मजबूती की वजह से ऐसा हुआ है। हालांकि, पिछले हफ्ते लंदन में सोने के हाजिर भाव में 0.73 फीसदी की मामूली तेजी दर्ज हुई। एक औंस सोने का भाव 847.25 डॉलर रह गया।

पिछले हफ्ते न्यू यॉर्क मकर्टाइल एक्सचेंज के कॉमैक्स डिवीजन में फरवरी डिलीवरी के वायदा अनुबंध का भाव 2.8 फीसदी घटकर 855 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। पिछले एक महीने में सोने की कीमत में हुई यह पहली कमी है। मुंबई में स्टैंडर्ड और शुद्ध सोने में भी कमी हुई।

इनमें क्रमश: 0.37 फीसदी और 0.44 फीसदी की गिरावट हुई और भाव 13,375 और 13,430 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुए। एक विश्लेषक के मुताबिक, खुदरा कारोबारियों के लिए कीमतों का अस्थिर होना एकमात्र वजह है। बाजार एक बार स्थिर हो जाए तो खरीदारी में उछाल आने लगेगा।

लेकिन यह तय है कि मौजूदा दर पर उपभोक्ता निवेश करने से दूर रहेंगे। मालूम हो कि कच्चा तेल शुक्रवार को 5.6 फीसदी और हफ्ते भर में 13 फीसदी लुढ़ककर 40.21 बैरल प्रति डॉलर पर बंद हुआ। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में सोने का जून 2009 अनुबंध 2.52 फीसदी लुढ़ककर 13,461 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।

जनवरी 2009 अनुबंध के लिए सोने की गिन्नी 2.13 फीसदी लुढ़ककर 10,497 रुपये प्रति 8 ग्राम पर बंद हुआ। एंजिल ब्रोकिंग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी अनुबंध के लिए सोने का समर्थन स्तर 13,245 से 13,220 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास रहने का अनुमान है।

13,110 से 13,080 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर तो सोने को जबरदस्त समर्थन मिलने के आसार हैं। यदि कीमतें इससे नीचे गई तो फिर 12,894 से 12,760 रुपये प्रति 10 ग्राम तक सोना जा सकता है।

First Published - January 11, 2009 | 11:51 PM IST

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