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भारत में 2 नए बीयर ब्रांड

Last Updated- December 05, 2022 | 4:23 PM IST

भारतीय बीयर बाजार में दो नई कंपनियां कदम रखने वाली हैं। सिंगापुर स्थित एशिया पैसिफिक ब्रीवरीज (एपीबी) ने अपने दो अंतरराष्ट्रीय ब्रांड टाइगर और हाइनकेन को भारतीय बीयर बाजार में उतारने का फैसला किया है। इसके लिए कंपनी भारत में संयंत्र लगाने के लिए सही जगह की तलाश कर रही है।
अभी तक कंपनी की ये दोनो ब्रांड भारत में आयात के जरिए सिर्फ होटलों में मिलते हैं। इसके अलावा कंपनी ने अपने भारतीय ब्रांड आरलेम को फिर से लाँच करने का फैसला किया है । कंपनी ने भारत के औरंगाबाद में अपनी सहायक कंपनी स्थापित करने के बाद ही इसका उत्पादन बंद कर दिया था।
सिंगापुर क्लस्टर्स के महाप्रबंधक जेम्स वोंग ने बताया कि- हम भारत में अपने लिए मौजूद अवसरों पर निगाह गढ़ाए हुए हैं। कंपनी भारत में अपनी मौजूदगी को और बढ़ाने के लिए तैयार है। हमें पूरा यकीन है कि अगले पांच सालों में हम भारत के बीयर बाजार की पहली तीन कंपनियों में शामिल हो जाऐंगे।
भारत में अपनी ग्रीनफील्ड कंपनी लगाने के लिए काम शुरू करने के बाद भी एपीबी की निगाह अधिग्रहण करने पर भी लगी हुई है। भारत में एपीबी का दो कंपनियों में बड़ा हिस्सा है। हैदराबाद में स्थित कंपनी सालाना  60 लाख केस (एक केस में 12 बोतलें) बनाने की क्षमता रखती है। दूसरी कंपनी औरंगाबाद में स्थित है और इसकी क्षमता सालाना 50 लाख केस बनाने की है।
ज्यादा मुनाफा और निर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए एपीबी ने हाल ही में इन दोनों कंपनियों में निवेश भी किया था। इसमें से कंपनी ने 72 करोड़ रुपये औरंगाबाद में और 80 करोड़ रुपये हैदराबाद में निवेश किए थे। कंपनी ने बंद पड़ी अपनी गोवा बू्रअरी को भी फिर से शुरू करने का फैसला किया है। अपनी मशहूर ब्रांड बैरन को कई चरणों में भारत में उतारने के बाद कंपनी को भरोसा है कि अगले तीन सालों में वह समूचे भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेगी।
भारतीय बीयर बाजार में तो अभी विजय माल्या के यूबी समूह की तूती बोलती है। यूबी समूह की मुख्य ब्रांड किंगफिशर का भारत में कोई मुकाबला नही है। बडवीजर, कार्ल्सबर्ग, कोबरा और बैक जैसी वैश्विक कंपनियों की भारतीय बीयर बाजार में मात्र 12 फीसदी की हिस्सेदारी है। अभी भारत में सालाना 1,370 लाख केसों की मांग है और 2012 तक यह आंकड़ा 3,000 लाख तक पहुंच जाने की उम्मीद है।
एपीबी बीयर दिग्गज हेनेकेन और फ्रेजर ऐंड नीव समूह का संयुक्त उपक्रम है। एपीबी के पास  अंतरराष्ट्रीय बाजार में 40 बीयर ब्रांड और संस्करण हैं। कंपनी भारत में अपनी पैठ बनाने के लिए रिटेल बाजार का ही रास्ता अपनाएगी । दरअसल भारतीय बाजार में घुसपैठ करने के लिए रिटेल का रास्ता विदेशी कंपनियों को सबसे आसान लगता है। भारत में एपीबी की सहायक कंपनी के विपणन प्रबंधक चेतन गुप्ता ने बताया कि कंपनी इसके लिए पहले ही रिलायंस के साथ समझौता कर चुकी है।
कंपनी अपनी भारतीय ब्रांडों का निर्यात करने के बारे में भी सोच रही है। वोंग ने बताया कि नियमों के मुताबिक हम भारत से निर्यात नहीं कर सकते , पर हमें वहां बहुत संभावनाएं नजर आ रही हैं। हालांकि कंपनी भारत में अपनी कौन कौन सी ब्रांड उतारती हैं, यह भी कंपनी के लिए एक बहुत बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि कंपनी इस बात पर विचार कर रही है कि वह कैनन 1000 और आरलेम में से किस ब्रांड को भारतीय बाजार में उतारेगी। पर इससे एक बात तो तय है कि पीने वालों को कुछ तो वैरायटी मिलेगी। 
   

First Published - February 28, 2008 | 6:14 PM IST

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