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मोबाइल विनिर्माण के लिए 7 फर्म तैयार

Last Updated- December 15, 2022 | 8:17 PM IST

उत्पादकता संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का लाभ लेने के लिए कम से कम 7 वैश्विक एवं भारतीय कंपनियां आवेदन कर सकती हैं। सरकार ने भारत को मोबाइल निर्यात का एक प्रमुख केंद्र बनाने के लिए पीएलआई योजना की शुरुआत की है। मंगलवार को औपचारिक तौर पर घोषित इस योजना के तहत कंपनियां 31 जुलाई तक आवेदन कर सकती हैं। सूत्रों के अनुसार ऐपल के लिए मोबाइल हैंडसेट बनाने वाली कंपनियां फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन, दक्षिण कोरिया की सैमसंग, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण सेवाएं देने वाली फ्लेक्सट्रॉनिक्स और देसी कंपनियां लावा इंटरनैशल और माइक्रोमैक्स इस योजना के तहत प्रोत्साहन का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकती हैं। हालांकि इस बारे में फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन फ्लेक्सट्रॉनिक्स और माइक्रोमैक्स को भेजे ई-मेल का कोई जवाब नहीं आया।
जहां तक चीन की कंपनियों की बात है तो फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि श्याओमी, वीवो या ओप्पो जैसी कंपनियां पीएलआई योजना का हिस्सा बनेंगी या नहीं। श्याओमी इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी मुरलीकृष्णन बी ने योजना का स्वागत जरूर किया, लेकिन उन्होंने अपने वैंडरों के जरिये आवेदन करने जैसे सवालों का जवाब नहीं दिया। वीवो और ओप्पो ने इस विषय पर कुछ कहने से इनकार कर दिया। पीएलआई योजना के तहत वैश्विक कंपनियों को पांच वर्ष की अवधि के दौरान 4 से 6 प्रतिशत तक प्रोत्साहन मिलेगा, लेकिन इसके लिए तीन शर्तें पूरी करनी होगी। सबसे पहले इन कंपनियों को केवल उन्हीं मोबाइल हैंडसेट का निर्यात करना होगा, जिनकी (प्रत्येक हैंडसेट) कीमत 200 डॉलर होगी। दूसरी शर्त के तहत उन्हें पांच वर्ष की अवधि के दौरान 1,000 करोड़ रुपये निवेश करना
होगा। तीसरी शर्त यह होगी कि कंपनियों को पहले वर्ष 4,000 करोड़ रुपये मूल्य के उत्पादों का निर्यात करना होगा और पांचवें वर्ष तक यह आंकड़ा बढ़ाकर 25,000 करोड़ रुपये करना होगा।
देसी कंपनियों के लिए योजना के तहत मोबाइल हैंडसेट का न्यूनतम मूल्य तय नहीं किया गया है। हालांकि उन्हें भी निर्यात करना होगा। इन कंपनियों को पहले वर्ष 100 करोड़ रुपये और पांचवें वर्ष में 600 करोड़ रुपये का निर्यात करना होगा। इन्हें पांच वर्षों की अवधि में 200 करोड़ रुपये निवेश करने होंगे। सरकार पीएलआई योजना की शर्तों के तहत पांच वैश्विक एवं घरेलू इकाइयों को लाभ देगी। हालांकि 5 से अधिक आवेदन आने पर कंपनियों की पात्रता आधार वर्ष में उनके वैश्विक समेकित राजस्व के आधार पर तय की जाएगी।
लावा इंटरनैशनल ने कहा कि वह आवेदन करने जा रही है। कंपनी के चेयरमैन हरिओम राय ने कहा, ‘हम निश्चित तौर पर आवेदन करेंगे। हम अपनी विनिर्माण क्षमता में 25 प्रतिशत इजाफा करेंगे। अगले छह महीने में मोबाइल निर्यात क्षमता चीन से भारत स्थानांतरित करेंगे और 100 करोड़ रुपये निवेश कर मोबाइल विनिर्माण क्षमता बढ़ाकर 50 लाख प्रति महीना तक करेंगे।’ सूत्रों के अनुसार ऐपल अपने दोनों साझेदारों से बात कर रही है और उनके जरिये यह निर्यात के लिए फोन का विनिर्माण कर सकती है। भारत में फॉक्सकॉन की दो इकाइयां हैं।

First Published - June 3, 2020 | 10:43 PM IST

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