विमान निर्माण से जुड़ी कंपनी बोंइग ने अनुमान लगाया है कि भारत में विमान बाजार में ईंधन की कीमतों के बढ़ने और क्षमता में अधिकता के कारण मौजूदा मंदी आने वाले 10 से 12 महीनों में समाप्त हो जाएगी।
बोइंग, जो भारत में पिछले तीन वर्षों में लगभग 1,075 अरब रुपये के नागरिक विमान बेच चुकी है, को उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था में तेज वृध्दि और लोगों की बढ़ती आमदनी से भारत में विमानों की मांग बढ़ेगी। कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (विक्रय) दिनेश केसकर ने कंपनी के लिए वर्ष 2008 के भावी बाजार का अनुमान लगाते हुए कहा कि अभी भी भारत का विमान बाजार अपनी क्षमता से 10 फीसदी ज्यादा है।
हम 120 से 130 उडानों और 10 से 20 वायुयानों की कमी करके इस अंसतुलन को दूर कर सकते है। अगर ऐसा किया जाता है तो आने वाले 10 से 12 महीनों में विमान बाजार संतुलन की स्थिति में आ जाएगा। बोंइग ने 2008-2027 के मध्य 1001 विमानों की मांग होने की बात कही है। जिनकी कीमत 4,515 अरब रुपये होगी। जो पिछले वर्ष 2007-2026 के लिए लगभग 3,698 अरब रुपये वाले 911 विमानों की मांग की उम्मीद की थी, जिससे कंपनी का वर्तमान अनुमान 10 फीसदी ज्यादा है।
यही नहीं कंपनी 2017 तक अनुमानित किये गये विमानों में 24 विमान माल वाहक होंगे जबकि शेष यात्री होने की बात भी कही गई है। केसकर ने आगे कहा कि बोंइग ने अपने बाजार के लिए अनुमान लगाते समय निकट की बाजारी स्थितियों के साथ दूरगामी परिवर्तनों की व्यवाहरिकता को भी ध्यान में रखा है। उन्होंने आगे कहा कि हमनें इस तरह के अनुमानों में वाणिज्यिक वैमानिकी की बुनियादी बातों को भी पूरी तरजीह दी है। 2008 की सीएमओं के मुताबिक भारत में 58 क्षेत्रीय जेट विमान और 11,747 बड़े विमान है।
भारत की वैमानिकी इंडस्ट्री में जरुरत से ज्यादा क्षमता का एक बड़ी समस्या के रुप में होने के सवाल पर केसकर ने कहा कि इस समस्या को समाप्त करने के लिए ज्यादा से ज्यादा विमानों को दूसरे श्रेणी के क्षेत्रों में व अन्तराष्ट्रीय क्षेत्रों में लगा कर दूर की जा सकती है। डिलिवरी के सवाल पर केसकर ने कहा कि बहुत ही कम विमानों को अगले वर्ष तक विमानन कंपनियों के सुपुर्द किया जाएगा। अभी बोंइग के पास 1,075 अरब रुपये कीमत वाले 164 विमानों का आर्डर है। इनमें एयर इंडिया के 68 विमान, जेट एयरवेज 63 विमान, स्पाइस जेट 30 विमान और भारतीय वायुसेना के तीन विमान शामिल है।
अभी भी भारत का विमान बाजार अपनी क्षमता से 10 फीसदी ज्यादा है। हम 120 से 130 उडानों और 10 से 20 वायुयानों की कमी करके इस अंसतुलन को दूर कर सकते है। अगर ऐसा किया जाता है तो आने वाले 10 से 12 महीनों में विमान बाजार स्थिति में सही हो जाएगी -दिनेश केसकर, बोइंग, वरिष्ठ उपाध्यक्ष (विक्रय)