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इंडियाबुल्स: रियल एस्टेट से रिटेल तक

Last Updated- December 05, 2022 | 5:00 PM IST

अभी पिरामिड रिटेल में 84 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल किए हुए बमुश्किल 4 महीने हुए हैं कि इंडियाबुल्स ट्रूमार्ट रिटेल कारोबार के प्रारूप को नई शक्ल दे रही है।


इंडियाबुल्सके निदेशक गगन बंगा ने बताया कि कंपनी अपने रियल एस्टेट कौशल का उपयोग रिटेल कारोबार के विकास में कर रही है। रियल एस्टेट और बढ़िया सप्लाई चेन प्रबंधन की जरूरत है, यह दो कारोबार एक में आ जाएंगे। बंगा कहते हैं, ‘दुनिया की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी का खिताब वॉलमार्ट के नाम है, इसलिए वह सबसे बड़ी रिटेल कंपनी भी है।’


इंडियाबुल्स ने ट्रूमार्ट के 5 रिटेल स्टोर बंद कर, उन्हें इंडियाबुल्स मार्ट के नाम शुरू किया है। ये पांच स्टोर एक-एक ठाणे, जयपुर, पुणे में और दो अहमदाबाद में हैं।


ऊंची दरें


बंगा का कहना है, ‘यह तो कारोबार है। हमने पांच स्टोर बंद किए थे और पांच नए स्टोर शुरू भी कर दिए। भोपाल और देवास में भी दो स्टोर खुलने वाले हैं। बंद हुए स्टोर फिर से वहीं या आस-पास खुलेंगे, बेहतर किराए के सौदों के साथ।’


अधिकतर स्टोरों जो बंद हुए हैं, उनके पीछे लीज का खत्म होना था। इन लीज में भी दो साल तक बने रहने की अवधि थी, जिनमें हर साल किराए में 5 प्रतिशत और हर तीसरे साल 15 प्रतिशत की वृध्दि होती है। कई मेट्रो शहरों में किराए काफी अधिक हो चुके हैं और ऐसी स्थिति में भू-स्वामी 40 प्रतिशत तक किरायों में वृध्दि करना चाहते हैं, जिससे स्टोर का मुनाुफा खत्म होता दिखाई दे रहा है।


पड़ोसी स्टोरों पर नजर


‘हम पड़ोस में खुले स्टोर की संख्या जून में 35 से बढ़ाकर 55 करने वाले हैं। हमें 35 स्टोर हासिल कर लिए हैं और इसके अलावा 10 अन्य पुराने सौदों को भी अगले 6 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा।’ यह कहना है बंगा का। वह बताते हैं, ‘इसमें से कुछ रियल एस्टेट की नजर से बुरे सौदे भी हैं। हम क स्टोर के लिए 10 लाख रुपये किराया दे रहे हैं, हां से हमें सिर्फ 2 प्रतिशत मुनाफा मिल रहा है।’


रिटेल कारोबार इंडियाबुल्स रियल एस्टेट की सह कारोबार है और अब इंडियाबुल्स इसमें अपने रियल एस्टेट के कौशल का इस्तेमाल कर इसमें लीज के लिए कम जमा राशि देकर या फिर वैकल्पिक स्थान ढूंढ़ कर, बेहतर सौदे सुनिश्चित करना चाहता है। इंडियाबुल्स ने जहां मांग है, वहां मेगास्टोर्स के माध्यम से किराने का सामान भी बेचना शुरू कर दिया है।


इंडियाबुल्स का कहना है कि अप्रैल के अंत तक वह 6 पड़ोसी स्टोर और जून तक 14 स्टोर खोलेगा। अगले वित्तीय वर्ष के अंत तक इंडियाबुल्स मार्ट के 55 नए स्टोर खोलने की योजना है।इसी तरह इसके 7 मेगास्टोर हैं और दो नए खोलने की योजना है। अप्रैल में दो और जून में 4 मेगास्टोर्स के साथ इंडियाबुल्स का 15 का आंकड़ा छूने की कोशिश है।


पीछे हटते कदम


इंडियाबुल्स का जून तक 70 और दिसंबर तक 100 मार्ट और मेगास्टोर खोलने का प्रयास है। जब इंडियाबुल्स ने पिरमिड हासिल किया था, तब कहा गया था कि उसकी योजना अगले साल के अंत तक पिरामिड स्टोरों को 42 से 150 तक ले जाने की है। लेकिन इंडियाबुल्स ने अपने कदम वापस खींच लिए हैं, जबकि इंडियाबुल्स होलसेल के तहत अप्रैल में पहली हाइपर मार्केट लॉन्च की जा रही है।


एक फूड रिटेलर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने अपना नाम छुपाने की शर्त पर बताया, ‘खाद्य रिटेल में कुछ अपवादों को छोड़ दें तो इसमें कुछ दरों (55 से 70 रुपये तक किराया) के आगे मुनाफा नही हैं।’ उद्योग पर नजर बनाए हुए सूत्रों का कहना है कि ट्रू मार्ट अधिक किराए, उचित जगह, कारोबारी वस्तुओं और बुरे प्रबंधन का सामना कर रहा था।


मुश्किल दौर


फूड रिटेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का कहना है, ‘आने वाले दिनों में उद्योग जगत के लगभग 3-5 प्रतिशत तक रिटेल स्टोर मुनाफे, उचित जगह और निर्णय लेने में गलती के चलते बंद हो जाएंगे।’


एक खाद्य खुदरा शृंखला के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी का कहना है, ‘खाद्य रिटेल में कोई भी मुनाफा नहीं कमा पा रहा है। चूंकि कुल लाभ सिर्फ 10 से 15 प्रतिशत है, ऐसे में बेहतर कर पाना मुश्किल है। अगर आप आम कारोबारी वस्तुओं में हैं तो आपका मुनाफा 18-20 प्रतिशत है, जो कि पश्चिमी देशों में 32-35 प्रतिशत है।’ आगे वह कहते हैं कि पश्चिमी देशों में लागत भी कम है। भारत में किराए बिक्री की प्रतिशतता में 14 प्रतिशत अधिक हैं, जो कि अमेरिका में सिर्फ 2-3 प्रतिशत है।

First Published - March 25, 2008 | 12:10 AM IST

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