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नया खेल, नई रणनीति, मलाई काटने को तैयार हैं डीटीएच कंपनियां

Last Updated- December 10, 2022 | 5:59 PM IST

यदि आपके पास टाटा स्काई की सुविधा है तो आपके कानों में रिंगा रिंगा गीत की धुन अभी भी सुनाई दे रही होगी।
ऐसा हो भी क्यों न, डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) सेवाप्रदाता टाटा स्काई ने कुछ दिनों पहले एक अभियान चलाया था, जिसके तहत ऑस्कर के लिए नामित फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर का प्रीमियर दिखाया गया था।
इस फिल्म को तीन दिन (पिछले रविवार) तक प्रति-प्रदर्शन भुगतान  (पीपीवी) के आधार पर दिखाया गया था। पूरे दिन के लिए यह फिल्म को 25 रुपये में उपलब्ध थी।
ज़ी नेटवर्क भी जल्द ही डीटीएच सेवा के जरिए डिश टीवी पर हाल ही में रिलीज हुई फिल्मी देव-डी का प्रीमियर दिखाएगा। ज़ी नेटवर्क यह फिल्म अपनी मूवी-ऑन-डिमांड के तहत दिखाएगा। पिछले कुछ हफ्तों के दौरान डिश टीवी पर कुछ ऐसी फिल्में दिखाई गई जो छह महीने से भी कम पुरानी हैं।
वे फिल्में हैं- फैशन, ए वेडनेसडे और ओए लक्की लक्की ओए। यह तो स्पष्ट है कि हर बार देखने के लिए भुगतान यानी प्रति-प्रदर्शन भुगतान का खेल डीटीएच सेवाप्रदाताओं के लिए एक नया खेल है। मेहरा ने बताया, ‘हम अपनी प्रति-प्रदर्शन भुगतान सेवा को काफी गंभीरता से ले रहे हैं। हम अपने ग्राहकों के लिए कुछ नई और चुनिंदा फिल्में लेकर आए हैं। हालांकि इसमें कुछ हाई-प्रोफाइल अंग्रेजी फिल्में भी शामिल हैं।’
डीटीएच सेवाप्रदाता भारती एयरटेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक श्रीवास्तव ने बताया, ‘ग्राहकों को लीक से हटकर कंटेंट मुहैया कराने के लिए हमने वार्नर ब्रडर्स, यूटीवी मूवीज और पर्सेप्ट पिक्चर कंपनी जैसी हिन्दी की अग्रणी और अंतरराष्ट्रीय स्टूडियों के साथ समझौते किए हैं।’
डिश टीवी के मुख्य परिचालन अधिकारी सलिल कपूर ने बताया, ‘डीटीएच सेवाप्रदाताओं द्वारा उत्पादों और सेवाओं, प्रति-प्रदर्शन भुगतान सेवाओं को शुरू करने और साथ ही वैल्यू-एडेडे सेवाओं आदि में काफी छूट देने की वजह से डीटीएच इंडस्ट्री को बहुत घाटे का सामना करना पड़ रहा है।’ पीपीवी से यह उम्मीद जताई जा रही है कि इन पहलों से प्रति ग्राहक कंपनी की औसत कमाई में सुधार आएगा।
केबल कंपनियां भी हो रही हैं तैयार
मजे की बात यह भी है कि डीटीएच सेवाप्रदाताओं की तरह ही केबल कंपनियां भी पीपीवी सेवाओं को शुरू करने की जुगत में हैं। चूंकि पीपीवी के लिए एक डिजिटल बॉक्स की आवश्यकता पड़ती है, इसलिए हिंदुजा के केबल नेटवर्क ‘इनकेबल’ पहले ही विभिन्न घरों में अपनी पीपीवी सेवाओं की टेस्ट ट्रायल शुरू कर चुकी हैं। इसके लिए कंपनी ने सेट टॉप बॉक्स की भी व्यवस्था की है।
नेटवर्क 18 की कंपनी की डेन नेटवर्क भी पीपीवी सेवाएं शुरू करने के लिए तैयार है। डिगिकेबल के प्रमोटर जगजीत सिंह कोहली ने बताया कि अगले दो महीनों में उनके  केबल नेटवर्क से पीपीवी सेवाएं  शुरू कर दी जाएगी।
कोहली ने बताया, ‘हम इन सेवाओं को एक ब्रांड के रूप में पेश करेंगे। यह पीपीवी के बजाय ‘वीडियो ऑन डिमांड’ के ज्यादा नजदीक प्रतीत होगी। हमारी सेवा इस मामले में अगल होगी कि फिल्म को 20 स्लॉट में दिखाया जाएगा। मसलन, अगर किसी दर्शक 10 मिनट देर भी हो जाती है तो वे अन्य चैनल पर उस फिल्म को देख सकता है।’
हालांकि, पीपीवी की क्षमता केवल फिल्म दिखाने तक ही सीमित नहीं है। इनकेबल के प्रवक्ता ने बताया, ‘दुनिया भर में फिल्मों के अलावा पीपीवी का इस्तेमाल किसी खास कार्यक्रम या फिर खेलों के प्रदर्शन के लिए भी किया जाता है।’
केबल उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि केबल और डीटीएच सेवाप्रदाता हाई-प्रोफाइल म्यूजिक कंसर्ट, पुरस्कार कार्यक्रम और खेल कार्यक्रमों को पीपीवी के जरिए दिखा कर मोटी कमाई कर सकते हैं। विकसित बाजारों में संभवत: 70 फीसदी पीपीवी वयस्क सामग्री वाला होता है।
वयस्क सामग्री अभी दूर की कौड़ी
हालांकि भारतीय डीटीएच और केबल मंचों पर वयस्क सामग्री को परोसकर कमाई करना अभी तो दूर की कौड़ी ही है। सबसे बड़ी बात की उन सामग्री को दर्शकों के सामने परोसने में ढेरों बाधाएं हैं। हालांकि अभी तो जरूरत इस बात की है कि डीटीएच इंडस्ट्री सबसे पहले अपनी डिजिटल टेलीविजन प्रीमियर को दुरुस्त कर ले।
डेन नेटवर्क के अध्यक्ष विकास बाली ने बताया कि, ‘क्या प्रति-प्रदर्शन भुगतान के तहत तीन से चार महीने पहले या फिर छह महीने पहले ही फिल्म को मंजूरी दे देनी चाहिए? अभी तो वैल्यू प्रिपोजिशन ही स्पष्ट नहीं है और इसलिए सेवाप्रदाताओं को चाहिए कि वे पहले खुद को व्यवस्थित करें।’
इसके अलावा, सेवाप्रदाताओं को चाहिए कि वे राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर भी अपना परिचालन करें। इनकेबल के कार्यकारी अधिकारी ने बताया, ‘न्यूनतम गारंटी तब तक व्यवहार्य नहीं होगा जब तक कि पीपीवी सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों की संख्या स्पष्ट नहीं की जाती।’ एक पूर्व डीटीएच कार्याधिकारी का कहना है कि वर्तमान में पीपीवी की हिस्सेदारी महज एक या दो फीसदी ही है।

First Published - February 26, 2009 | 12:38 PM IST

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