facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

ला रोश को भा गई एक्टिस की दवा

Last Updated- December 05, 2022 | 4:53 PM IST

सिप्ला के हाथों हाल ही में मात खाने वाली स्विट्जरलैंड की मशहूर दवा कंपनी हॉफमैन-ला रोश अब एक्टिस बायोलॉजिक्स के साथ बड़ा करार करने की कोशिश में लगी है।


इस करार के जरिये वह एक्टिस की कैंसर रोधी दवाओं पर शोध और मार्केटिंग के अधिकार हासिल करने के लिए बातचीत कर रही है।एक्टिस बायोलॉजिक्स के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी संजीव सक्सेना ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘रोश ने कैंसर की हमारी दवाओं मे काफी दिलचस्पी दिखाई है। इस बारे में बातचीत के लिए अगले हफ्ते हम न्यूयॉर्क में भी मुलाकात करेंगे।’


अभी तक कोई भी भारतीय दवा या जैव प्रौद्योगिकी (बायोटेक) कंपनी अपने दम पर ही बायोटेक दवा या लाइसेंस तैयार नहीं कर सकी है। किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी को इस मामले में वे अपना ग्राहक भी नहीं बना पाई हैं। फाइजर और रोश जैसी बड़ी कंपनियां अक्सर दवा अनुसंधान कंपनियों को ही मोटी रकम पर खरीद लेती हैं। इस तरह उन कंपनियों में विकसित दवाओं पर भी बड़ी कंपनियों का अधिकार हो जाता है।


एक्टिस आंत के महत्वपूर्ण हिस्से कोलॉन में होने वाले कैंसर और कई दूसरी बीमारियों के इलाज में प्रभावी दवा ‘एंजियोजाइम’ पर शोध कर रही है। इस दवा को उसने मर्क समूह की कंपनी सिरना थेराप्युटिक्स से हासिल किया था। मलेशिया और भारत में इस दवा का क्लीनिकल शोध तीसरे चरण के परीक्षण में पहुंच गया है और 6 महीने के भीतर ही अमेरिका में भी इसका परीक्षण शुरू हो जाएगा।


सक्सेना ने बताया कि जेनटेक द्वारा निर्मित और रोश द्वारा वितरित की जाने वाली अवेस्तिन ही इस तरह की दवा है। इस दवा की बिक्री से लगभग 8,800 करोड़ रुपये की कमाई हो चुकी है।एक्टिस स्तन कैंसर और प्रोस्ट्रेट ग्रंथि के कैंसर का उपचार करने के लिए एमएसपी-36 नाम की जीन थेरेपी विकसित कर रही है। इसका परीक्षण अभी पहले चरण में ही है। इसके अलावा एक्टिस अमेरिका की बड़ी शोध कंपनियों के साथ मिलकर एड्स जैसी बीमारियों के लिए इम्यूनोथेरेपी विकसित करने में भी योगदान दे रही है।


सक्सेना ने बताया कि कंपनी जल्द ही अमेरिका के अग्रणी कैंसर शोध संस्थान के साथ बच्चों की दवाएं विकसित करने के लिए कई तरह के समझौते करने जा रही है। इससे कंपनी की उत्पाद शृंखला में काफी बढ़ोतरी हो जाएगी।सक्सेना ने बताया कि कंपनी बायोसिटी के दूसरे चरण के लिए मलेशिया में लगभग 270 एकड़ भूमि भी खरीदने वाली है। इसके लिए कंपनी पहले 40 अरब रुपये का निवेश करेगी। कंपनी को मलेशियाई सरकार से 500 एकड़ भूमि और मिलने वाली है।

First Published - March 22, 2008 | 12:40 AM IST

संबंधित पोस्ट