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Ranji Trophy: मुंबई ने 42वीं बार रणजी ट्रॉफी जीती, फाइनल में विदर्भ को हराया

वानखेड़े स्टेडियम पर खेले गए फाइनल का नतीजा लगभग उसी समय तय हो गया था जब विदर्भ को 538 रन का लगभग नामुमकिन सा लक्ष्य मिला था।

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भाषा   
Last Updated- March 14, 2024 | 5:04 PM IST

घरेलू क्रिकेट की दिग्गज मुंबई ने आठ साल का इंतजार खत्म करते हुए अपना ही रिकॉर्ड बेहतर करके 42वीं बार रणजी ट्रॉफी खिताब जीता। फाइनल के पांचवें और आखिरी दिन मेजबान ने विदर्भ को 169 रन से हराया। टूर्नामेंट के इतिहास में 90 में से 48वीं बार मुंबई फाइनल में पहुंची थी।

वानखेड़े स्टेडियम पर खेले गए फाइनल का नतीजा लगभग उसी समय तय हो गया था जब विदर्भ को 538 रन का लगभग नामुमकिन सा लक्ष्य मिला था। विदर्भ के कप्तान अक्षय वाडकर (102) और हर्ष दुबे (65) ने हालांकि पूरे पहले सत्र में मुंबई के गेंदबाजों को परेशान किया। विदर्भ ने पांच विकेट पर 248 रन से आगे खेलना शुरू किया था और उसे 290 रन और चाहिये थे।

विदर्भ की टीम 368 रन पर आउट हो गई। वाडकर ने इस साल पहला शतक जड़ने के साथ ही सत्र में 600 रन का आंकड़ा भी पार किया। वहीं दुबे ने प्रथम श्रेणी कैरियर में दूसरा अर्धशतक जमाया। दोनों ने 194 मिनट और 255 गेंद तक चली साझेदारी निभाई। दूसरे सत्र का खेल शुरू होने के कुछ देर बाद ही वाडकर को तनुष कोटियान ने आउट किया। कोटियान ने 95 रन देकर चार विकेट लिये।

यह साझेदारी टूटने के बाद विदर्भ की हार पर लगभग मुहर लग गई। विदर्भ दो बार खिताब जीतने के बाद तीन बार फाइनल हार गया है। तुषार देशपांडे ने शॉर्ट गेंद पर दुबे को आउट किया। दुबे ने 128 गेंद में पांच चौकों और दो छक्कों की मदद से 65 रन बनाये। देशपांडे ने ही आदित्य सरवटे को भी पवेलियन भेजा। कोटियान ने यश ठाकुर (छह) के रूप में चौथा विकट लिया। वहीं अपने कैरियर का आखिरी मैच खेल रहे धवल कुलकर्णी ने उमेश यादव का विकेट लेकर विदर्भ की पारी का पटाक्षेप किया।

First Published : March 14, 2024 | 5:04 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)