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रविचंद्रन अश्विन का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास, आईपीएल खेलते रहेंगे

अनिल कुंबले के बाद दूसरे सबसे कामयाब भारतीय टेस्ट गेंदबाज अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया में चल रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा मैच खत्म होने के बाद बुधवार को संन्यास का ऐलान किया।

Last Updated- December 18, 2024 | 10:57 PM IST
Ravichandran Ashwin retires from international cricket, will continue playing IPL रविचंद्रन अश्विन का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास, आईपीएल खेलते रहेंगे

अपनी बल खाती गेंदों से दुनिया भर के बल्लेबाजों को घुटने टेकने पर मजबूर करने वाले और भारतीय टीम की तयशुदा हार को बल्ला हाथ में लेकर कई बार लौटने पर मजबूर करने वाले रविचंद्रन अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। महान अनिल कुंबले के बाद दूसरे सबसे कामयाब भारतीय टेस्ट गेंदबाज अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया में चल रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा मैच खत्म होने के बाद बुधवार को संन्यास का ऐलान किया।

ब्रिस्बेन में टेस्ट खत्म होने के बाद संवाददाता सम्मेलन में अश्विन ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय मैचों में बतौर भारतीय क्रिक्टर यह मेरा आखिरी दिन है। मुझे लगता है कि मेरे भीतर अभी क्रिकेट बाकी है, लेकिन अब मैं क्लब क्रिकेट खेलूंगा। भारत के लिए आज मेरा आखिरी दिन है।’

पिछले 14 साल में भारत को घरेलू मैदानों पर लगभग अपराजेय बनाने में अहम किरदार अदा करने वाले अश्विन ने 106 टेस्ट में 537 विकेट लिए। कुंबले के 619 विकेट के बाद भारत के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट अश्विन के ही हैं। मगर अश्विन की अहमियत केवल गेंद नहीं बल्कि हौसले के साथ बल्ला हाथ में लेकर अड़ जाने की उनकी फितरत से भी थी। इसीलिए टेस्ट में उनके नाम 6 शानदार शतक हैं और कई ऐसी पारियां हैं, जब उन्होंने साथी बल्लेबाज के साथ मिलकर टीम को तयशुदा हार से बचाया या ड्रॉ को जीत में बदल दिया।

हालांकि अश्विन इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में खेलते रहेंगे। अगले साल वह चेन्नई सुपर किंग्स की टीम में वापसी करेंगे। इसे संयोग कह सकते हैं कि उन्होंने संन्यास भी चेन्नई टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की तरह एकाएक ही लिया। धौनी ने भी 2014 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान टीम की कप्तानी करते-करते अचानक संन्यास का ऐलान किया था। संन्यास से पहले अश्विन ने भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा से कहा था, ‘अगर इस सीरीज में अब मेरी जरूरत नहीं है तो बेहतर होगा कि मैं खेल को अलविदा कर दूं।’

दिग्गज ऑफ स्पिनर ने भारतीय टीम प्रबंधन को स्पष्ट तौर पर कह दिया था कि अगर उन्हें ऑस्ट्रेलिया में श्रृंखला के दौरान खेलने नहीं दिया जाता तो फिर वे नहीं खेलेंगे। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि पर्थ और ब्रिस्बेन में मौका नहीं मिलने पर उन्होंने यह फैसला लिया है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, ‘दमखम बाकी रहने पर खिलाड़ी संन्यास नहीं लेते हैं मगर अश्विन ने ऐसा किया है। कई लोगों के तरह मुझे भी इस निर्णय ने आश्चर्यचकित कर दिया। कलाई के जादूगर की कमी भारतीय क्रिकेट को सही में काफी खलेगी।’ 38 वर्षीय गेंदबाज अश्विन कभी भी महंगे गेंदबाज के रूप में नहीं दिखे। एडिलेड में खेल अपने आखिरी डे नाइट टेस्ट के दौरान भी वह उस खिलाड़ी के तौर पर दिख रहे थे जो अपनी टीम को जीत दिलाना चाहता है।

बीसीसीआई के एक सूत्र ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘कई टेस्ट खेलने और काफी विकेट लेने के बाद भी अगर आपको टीम में शामिल होने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है तो यह काफी निराशाजनक हो सकता है। फिर भी शायद उन्होंने सोचा होगा कि अब इंतजार कर रहे युवाओं के लिए रास्ता बनाने का मौका है।’

अश्विन ने ऐसे समय में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदाई ली जब उनके पास कम से कम दो साल और खेलने का मौका था। उनके संन्यास से 2014 श्रृंखला की यादें ताजा हो गई जब धौनी ने भी ऑस्ट्रेलिया की विजयी बढ़त के बाद टेस्ट क्रिकेट से विदा ले ली थी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट के बाद क्रिकेट के इस सबसे लंबे प्रारूप से हटने का धौनी का निर्णय भी उनकी तरह ही रहस्यमय था। पूर्व भारतीय कप्तान धौनी ने सीमित ओवरों के क्रिकेट में वह सब हासिल किया जो वे करना चाहते थे और भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान को खासकर बतौर कप्तान उनके योगदान को लंबे समय तक याद रखा जाएगा।

चेन्नई सुपर किंग्स से लंबे अरसे तक जुड़े रहे अश्विन अगले साल अप्रैल में फिर टीम की पीली जर्सी में दिखाई देंगे। माना जा रहा है चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम (चेपक) में एक स्टैंड का नाम उनके नाम पर रखा जाएगा।

First Published - December 18, 2024 | 10:57 PM IST

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