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बैंकों के बिजनेस मॉडल पर है RBI की नजर: दास

Last Updated- April 27, 2023 | 7:08 PM IST
RBI is keeping an eye on the business model of banks: Das

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय बैंक घरेलू कर्जदाताओं के ‘कारोबार के मॉडल’ पर करीबी नजर रखे हुए है। क्योंकि खराब रणनीतियों से एक बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। दास ने अमेरिका में हाल की घटनाओं के लिए खराब कारोबारी मॉडल को भी एक वजह बताते हुए कहा कि भारत की बैंकिंग प्रणाली मजबूत बनी हुई है और वैश्विक घटनाक्रमों का इस पर कोई खास प्रतिकूल प्रभाव देखने को नहीं मिला है।

दास का यह बयान सिलिकन वैली बैंक के डूबने के कुछ सप्ताह बाद आया है। इस घटनाक्रम से अमेरिका और यूरोप के वित्तीय क्षेत्र में संकट की स्थिति पैदा हो गई है। दास ने कहा कि अमेरिका के हालिया घटनाक्रम से यह सवाल पैदा होता है कि क्या व्यक्तिगत बैंकों का कारोबारी मॉडल सही था।

रिजर्व बैंक प्रवर्तित ‘कॉलेज ऑफ सुपरवाइजर्स’ द्वारा वित्तीय क्षेत्र की मजबूती पर एक वैश्विक सम्मेलन को संबोधित करते हुए दास ने कहा, ‘भारत की वित्तीय प्रणाली मजबूत बनी हुई और कुछ आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में वित्तीय अस्थिरता का इस पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ा है।’

दास ने कहा कि कारोबारी मॉडल कई बार बैंक के बहीखाते के कुछ हिस्सों के लिए जोखिम पैदा कर सकता है जो बाद में एक बड़ा संकट बन सकता है। दास ने कहा, ‘रिजर्व बैंक के परीक्षण से पता चलता है कि जबरदस्त संकट में भी भारतीय बैंक पूंजी पर्याप्तता अनुपात को न्यूनतम जरूरत से ऊपर रखने में सफल रहेंगे।’ उन्होंने बैंकों के प्रबंधन और निदेशक मंडल से नियमित रूप से वित्तीय जोखिम का आकलन करें और पर्याप्त पूंजी और तरलता ‘बफर’ बनाने पर ध्यान देने को कहा।

दास ने अंशधारकों को सतर्क करते हुए कहा कि दुनिया भर में परंपरा से हटकर नीतियां अपनाई जा रही हैं। ऐसे में वित्तीय क्षेत्र में किसी तरह का ‘आश्चर्य’ कहीं से भी देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक भविष्य के लिए भारतीय वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने और इसकी लगातार वृद्धि को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है।

गवर्नर ने कहा कि भारतीय बैकों ने हाल के समय में दबाव और पूंजी बफर के मोर्चे पर सुधार दर्ज किया है। बैंकों की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां अनुपात दिसंबर 2022 में घटकर 4.41 फीसदी रह गया जो मार्च 2022 में 5.8 फीसदी और 31 मार्च 2021 को 7.3 फीसदी था।

First Published - April 27, 2023 | 7:08 PM IST

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