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बुनियादी क्षेत्रों में फिर गिरावट

Last Updated- December 15, 2022 | 7:47 AM IST

कोविड-19 ने देश के प्रमुख उद्योगों की हालत बिगाड़ दी है। इस महामारी की वजह से श्रमिकों के पलायन और लॉकडाउन के कारण मई में आर्थिक गतिविधियां बंद रहीं, जिससे उस महीने में 8 प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में 23.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि अप्रैल की 36 प्रतिशत गिरावट के कारण मई में आंकड़ा कुछ बेहतर रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान का असर लंबे समय तक दिखेगा, जिससे आने वाले महीनों में कम ही सही गिरावट दिखती रहेगी। रेटिंग एजेंसी इक्रा के मुताबिक मई में देश के कुल औद्योगिक उत्पादन में 35-45 प्रतिशत गिरावट आ सकती है, जो अप्रैल के 55.5 प्रतिशत के मुकाबले कम रहेगी।
मंगलवार को वाणिज्य मंत्रालय से जारी आंकड़ों के अनुसार आठ प्रमुख क्षेत्रों में मई में भी गिरावट देखी गई। गिरावट धीमी रही मगर बुनियादी ढांचा क्षेत्र में उत्पादन सबसे कम रहा। इस्पात उत्पादन 48.4 प्रतिशत तक फिसल गया। अप्रैल में भी इसमें 78.7 प्रतिशत गिरावट आई थी। सीमेंट उत्पादन में गिरावट काफी थम गई और अप्रैल में 85.3 घटने वाला उत्पादन मई में केवल 22.2 प्रतिशत कम हुआ। इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘सीमेंट और इस्पात उत्पादन में कमी की रफ्तार सुस्त पडऩा अच्छी खबर है और इससे पता चलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियां इन उद्योगों की मदद कर रही हैं। लेकिन इक्रा का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020-21 में सीमेंट की केवल 50 प्रतिशत उत्पादन क्षमता का इस्तेमाल हो पाएगा, जबकि पिछले वित्त वर्ष में 68 फीसदी क्षमता काम में ली गई थी। इसके अलावा चालू वित्त वर्ष में इस्पात की भी केवल 58 प्रतिशत उत्पादन क्षमता काम आने के आसार हैं, जबकि पिछले वित्त वर्ष में 77 प्रतिशत क्षमता का इस्तेमाल हुआ था।’ उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा स्थिति में केंद्र एवं राज्य सरकारें बुनियादी क्षेत्र में व्यय टाल सकती हैं, जिससे चालू वित्त वर्ष में सीमेंट की मांग तेजी से नहीं बढ़ सकती। निर्यात के लिहाज से अहम रिफाइनरी उत्पादों के उत्पादन में मई ने सबसे ज्यादा चोट पहुंचाई। अप्रैल में 24.2 प्रतिशत गिरावट के बाद मई में भी इनके उत्पादन में 21.3 प्रतिशत कमी आई।

First Published - June 30, 2020 | 10:36 PM IST

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