facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

चौथे माह भी गिरा मगर जून में सुधरा

Last Updated- December 15, 2022 | 3:32 AM IST

देश का औद्योगिक उत्पादन जून में 16.6 फीसदी घटा है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में गिरावट का यह लगातार चौथा महीना है। मगर अप्रैल की 57.6 फीसदी की ऐतिहासिक गिरावट और मई की 33.8 फीसदी कमी के मुकाबले इस बार गिरावट की रफ्तार मंद पड़ी है। इससे यह संकेत भी मिल रहा है कि कोविड और लॉकडाउन से झटका खाने के बाद अर्थव्यवस्था अब पटरी पर लौट रही है।
सरकार पिछले दो महीनों से आईआईपी के केवल सूचकांक आंकड़े जारी कर रही थी मगर आज उसने जून महीने के समूचे आंकड़े दिखाए। गिरावट जरूर आई है मगर उसे कोरोना महामारी से पहले के महीनों की कसौटी पर परखना सही नहीं होगा। यह बात अलग है कि मार्च में केवल 7 दिन लॉकडाउन रहने के बाद भी औद्योगिक उत्पादन में 18.6 फीसदी की कमी दर्ज की गई थी।
नीति-निर्माताओं ने उम्मीद जताई कि औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने के लिए सशर्त छूट से उत्पादन में शीघ्रता से तेजी आएगी लेकिन विशेषज्ञों ने चेताया कि जून के आंकड़ों से खुश होने की जरूरत नहीं है। इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘जुलाई में कोल इंडिया का उत्पादन, बिजली की खपत और जीएसटी ई-वे बिल में गिरावट केवल इकाई अंक में रह गई। इससे संकेत मिलता है कि जुलाई में भी आईआईपी की गिरावट कम होगी। मगर हमें अब भी लगता है कि लॉकडाउन के दौरान जो मांग थी, उसी की वजह से जून-जुलाई में कुछ श्रेणियों में उत्पादन बढ़ा है मगर अगस्त में शायद तस्वीर इतनी अच्छी नहीं रहे क्योंकि कई राज्यों ने अपने स्तर पर लॉकडाउन बढ़ाया है।’
आईआईपी के सभी क्षेत्रों – खनन, विनिर्माण और बिजली के उत्पादन में संकुचन आया लेकिन यह गिरावट मई की तुलना में थोड़ी कम रही। आईआईपी में 78 फीसदी भारांश वाले विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में जून के दौरान 17.1 फीसदी गिरावट आई, जबकि मई में यह 38.4 फीसदी घटा था। इस क्षेत्र पर मार्च से ही दबाव देखा जा रहा है और अप्रैल में इस क्षेत्र के उत्पादन में 67.1 फीसदी की गिरावट आई थी। दवा निर्यात और सैनिटाइजर तथा सुरक्षा उपकरणों के ऑर्डर से फार्मास्युटिकल का उत्पादन 34 फीसदी बढ़ा है। मई में इस क्षेत्र का उत्पादन 2.45 फीसदी बढ़ा था। तंबाकू का उत्पादन भी 4.5 फीसदी बढ़ा है।
पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन जून में 36.9 फीसदी घटा है। मई में इसमें 64.3 और अप्रैल में 90 फीसदी की गिरावट आई थी। पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में लगातार सात महीने से गिरावट का रुख बना हुआ है। नीति निर्माताओं का कहना है कि सरकार ने इस क्षेत्र में सुधार लाने के हरसंभव प्रयास किए हैं लेकिन इसमें सुधार आने में थोड़ा वक्त लग सकता है।
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का उत्पादन जून में 35.5 फीसदी घटा है। हालांकि मई में 68.5 फीसदी की गिरावट से इसमें थोड़ा सुधार हुआ है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के उत्पादन में कोविड से पहले से ही गिरावट देखी जा रही है।
खनन गतिविधियों में भी जून में 19.8 फीसदी की गिरावट रही। मई में इस क्षेत्र का प्रदर्शन 20.5 फीसदी घटा था। बिजली उत्पादन में 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘पहली तिमाही में 36 फीसदी की गिरावट से इस तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्घि पर व्यापक असर पड़ेगा और पहली तिमाही में जीडीपी में 20 फीसदी का संकुचन आ सकता है।’

First Published - August 11, 2020 | 11:02 PM IST

संबंधित पोस्ट