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आभूषणों के लिए सोने की मांग सर्वकालिक निचले स्तर पर

Last Updated- December 15, 2022 | 4:04 AM IST

देश में अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सोने की मांग में 70 प्रतिशत तक कमी आई है। पिछले 11 वर्षों में यह पहला मौका है जब किसी तिमाही में सोने की मांग इतनी कम हो गई।
कोविड-19 के कारण देश में लॉकडाउन के दौरान खुदरा आभूषण दुकानें एवं फैक्टरियां बंद रहीं, जिससे सोने की खरीदारी पर गहरी चोट पड़ी। इतना ही नहीं, कोविड-19 के कारण बाजार में जोखिम बढऩे के साथ ही सोने की कीमतें तेजी से भागने लगीं। जून तिमाही में भारत में आभूषणों की मांग 44 टन रही, जो अब तक का सबसे कमजोर आंकड़ा है।
भारत के उलट जून तिमाही के दौरान चीन में सोने की मांग में सुधार दिखा। वहां मार्च तिमाही में 52 प्रतिशत फिसलने के बाद जून तिमाही में मांग में कमी 33 प्रतिशत पर सिमट कर 90.9 टन पर रह गई। इन दोनों देशों में सोने की मांग कम रहने से वैश्विक स्तर पर सोने की मांग पर जबरदस्त चोट पड़ी। वैश्विक स्तर पर जून तिमाही में आभूषणों के लिए सोने की मांग आधी होकर 251 टन रह गई। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जून में भारत में सोने की मांग 63.7 टन रही। इससे पहले लीमन संकट के बाद 2009 में भारत में सोने की मांग 40 टन रह गई थी। तब से पिछले 11 वर्षों के दौरान किसी एक तिमाही में भारत में सोने की मांग में इतनी कमी नहीं देखी गई थी। जून तिमाही में भारत में मात्र 11.6 टन सोने का आयात हुआ। निवेश के लिहाज से सोने की खरीदारी भी 56 प्रतिशत कम होकर 19.8 टन रह गई।
वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के प्रबंध निदेशक (भारत) सोमसुंदरम पीआर ने कहा, ‘देशव्यापी लॉकडाउन और ऊंची कीमतों की वजह से भारत में सोने की मांग अप्रैल-जून अवधि में 63.7 टन के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई। कुछ दिनों को छोड़कर इस अवधि के दौरान खुदरा आभूषण दुकानें ज्यादातर बंद रहीं। कुल मिलाकर जून तिमाही सोने की मांग के लिहाज से भारत में कमजोर रही।’
लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन माध्यम से खरीदारी में तेजी देखी गई। पिछले कई वर्षों से सुस्त रहने के बाद जून तिमाही में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में तेजी देखी गई। डिजिटल सोने की खरीदारी में खासी तेजी दिखी, लेकिन सोने की कमजोर मांग के लिहाज से इसे बहुत अधिक नहीं कहा जा सकता।
सोमसुंदरम ने कहा, ‘कुछ शहरों में लॉकडाउन में ढील दिए जाने से बिक्री में थोड़ी तेजी दिखी। यह इस बात का संकेत है कि कोविड-19 का प्रकोप कम होने या खत्म होने के बाद सोने की मांग में दोबारा तेजी आएगी।’

अवैध सोने के लिए आएगी माफी योजना!
केंद्रीय वित्त मंत्रालय कर चोरी पर अंकुश लगाने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए लोगों के पास अवैध तरीके से जमा सोने के लिए एक माफी योजना लाने पर विचार कर रहा है। मामले के जानकार लोगों के अनुसार सरकार लोगों से कहेगी कि अपने पास बेहिसाब जमा सोने का कर अधिकारियों के समक्ष खुलासा करें और उस पर कर का भुगतान करें। हालांकि अभी यह प्रस्ताव शुरुआती स्तर पर है और कर विभाग ने संबंधित अधिकारियों से इस बारे में प्रतिक्रिया मांगी है।
नरेंद्र मोदी सरकार ने 2015 में लोगों के घरों और संस्थानों के पास पड़े सोने को बाहर निकालने की योजना बनाई थी ताकि सोने की हाजिर मांग और आयात पर निर्भरता कम हो सके। इसके लिए सरकार ने सोने में वैकल्पिक निवेश का साधन उपलब्ध कराया था। लेकिन लोगों ने इस पर ठंडी प्रतिक्रिया दिखाई। सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित योजना के तहत अपने अवैध सोने का खुलासा करने वालों को कर चुकाने के बाद कुछ साल के लिए वैध सोने को सरकार के पास जमा करना होगा। इस बारे में जानकारी के लिए वित्त मंत्रालय से तत्काल संपर्क नहीं हो पाया। एजेंसियां

First Published - July 30, 2020 | 11:14 PM IST

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