भले ही विश्व की ज्यादातर संस्थाओं ने भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर एक अंक में कर दिया है, वित्त मंत्रालय को भरोसा है कि चालू वित्त वर्ष में दो अंकों की वृद्धि दर हासिल हो जाएगी।
प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हमारा शुरुआती अनुमान अन्य संस्थानों के विपरीत थोड़ा परंपरागत और संतुलित था, संभव है कि वह थोड़ा आशावादी हो। हम फरवरी के बजट अनुमान के साथ हैं, जिसमें जीडीपी वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। हम अपने बजट अनुमान के नजदीक रहेंगे, लेकिन यह आर्थिक समीक्षा की तुलना में थोड़ा कम हो सकता है। लेकिन इसके बावजूद चालू वित्त वर्ष में दो अंकों की वृद्धि दर रहेगी।’
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) सहित ज्यादातर वैश्विक निकायों ने भारत के वृद्धि दर का अनुमान कोरोनावायरस की दूसरी लहर के असर और टीकाकरण में सुस्ती के कारण कम कर दिया है।
बहरहाल आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि कुल मिलाकर 45 करोड़ से ज्यादा कोविड-19 टीके लग चुके हैं, जिसमें 18-44 साल के उम्र के लोगोंं को 15.38 करोड़ टीके लगे हैं। मंत्रालय का मानना है कि इस रफ्तार से भारत में दिसंबर तक करीब 100 करोड़ लोगों को टीके लग जाएंगे।
टीकाकरण अभियान के बारे में उन्होंने कहा, ‘हम लोग रोजाना 40-50 लाख टीके लगा रहे हैं, जो विश्व का सबसे तेज टीकाकरण अभियान है। मौजूदा रफ्तार को देखें तो मुझे लगता है कि हम दिसंबर के पहले 100 प्रतिशत वयस्कों के टीकाकरण की राह पर हैं।’
बहरहाल उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर आने के दावों के बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया। उन्होंने कहा, ‘जहां तक तीसरी लहर आने का डर है, इससे लेकर कोई विश्वसनीय मॉडल या अध्ययन नहीं है, जिसके माध्यम से हम तीसरी लहर और उसकी जटिलता के बारे में अनुमान लगा सकें। बहरहाल इस पर लगातार नजर रखी जा रही है और इसमें परीक्षण की अहम भूमिका है।’
खुदरा महंगाई में लगातार दो बार तेजी के बारे में सान्याल ने कहा कि वित्त मंत्रालय का आकलन है कि महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के हिसाब से बनी रहेगी।
रिजर्व बैंक की राय है कि महंगाई पर तीसरी तिमाही में काबू रहेगा। केंद्रीय बैंक ने पेट्रोलियम पर कर घटाने की बात कही है, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इसे संज्ञान में लिया गया है।
सान्याल ने कहा, ‘स्वास्थ्य समेत विभिन्न व्यय जरूरतों के लिए संसाधनों की पहचान की गई है और यही वजह है कि हम राजस्व के संग्रह और महंगाई पर नियंत्रण पाने की जरूरत के बीच तालमेल बिठाने की कवायद कर रहे हैं।’
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति 6 अगस्त को मौद्रिक नीति की समीक्षा की घोषणा करने वाली है। मई के बाद लगातार दूसरे महीने में महंगाई दर रिजर्व बैंक के 6 प्रतिशत के ऊपरी खांचे से ऊपर रही है, हालांकि जून में इसमें थोड़ी कमी आई है।
स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च को ध्यान में रखते हुए, इस वित्त वर्ष में उधारी के लक्ष्य को बढ़ाने के बारे में सान्याल ने कहा, ‘यह इस बात पर निर्भर करेगा कि इसके बाद स्थितियां किस ओर करवट लेती हैं। लेकिन अब तक हमने अपनी उधारी सीमा के लक्ष्य के भीतर प्रबंधन किया है।’
साथ ही ज्यादातर मामलों में कर संग्रह तेज है। अर्थव्यवस्था खुलने के साथ वस्तु और सेवा कर संग्रह, जो दूसरी लहर के दौरान कम हो गया था, तेज बढ़ा है। इसके अलावा संपत्ति मुद्रीकरण सहित राजस्व के अन्य साधन भी पटरी पर हैं।
2021-22 के बजट के मुताबिक सरकार की सकल उधारी 1 अप्रैल से शुरू हुए वित्त वर्ष में 12.05 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान था। इसमें से सरकार ने वित्त वर्ष की पहली छमाही में (सितंबर तक) 7.24 लाख करोड़ रुपये उधारी का लक्ष्य रखा है, जिससे कोरोनावायरस महामाही से प्रभावित अर्थवव्यवस्था की जरूरतों को पूरा किया जा सके।