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गलत पैन से सरकार को लग रहा चूना!

Last Updated- December 08, 2022 | 7:43 AM IST

आयकर विभाग की सालाना सूचना रिटर्न (एआईआर) योजना, के तहत 8 श्रेणियों में किसी भी तरह के लेन-देन में वैध स्थायी खाता संख्या (पैन) की जानकारी देना अनिवार्य होता है।


लेकिन विभागीय जांच में पता चला है कि चार श्रेणियों के तहत की गई करीब 50 फीसदी से ज्यादा लेन-देन में आयकर विभाग की ओर से जारी पैन का इस्तेमाल नहीं किया गया है।दरअसल, ऐसा कर बचाने के मकसद से किया गया है।

ऐसे में आयकर विभाग वास्तविक जानकारी को प्रभावी ढंग से अमल में नहीं ला पाता है। विभाग के मुताबिक, वर्ष 2007-08 के दौरान 3,84,185 करोड़ रुपये मूल्य के करीब 12 लाख लेन-देन हुए। उनमें पैन का इस्तेमाल नहीं किया गया है।

उल्लेखनीय है कि एआईआर के तहत 10 लाख रुपये से ज्यादा की नकद जमा और 30 लाख रुपये से ज्यादा की अचल संपत्ति की खरीद या बिक्री में आयकर विभाग की ओर से जारी वैध पैन का उल्लेख करना होता है और सालाना रिटर्न में इस लेन-देन का भी जिक्र करना पड़ता है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि लोगों की ओर से सही पैन नंबर का उल्लेख नहीं करने से सही तरीके से कर भार का आकलन नहीं हो पाता है।

यही नहीं, कई किसानों की ओर से भी जमीन की खरीद-बिक्री में पैन नंबर का जिक्र नहीं किया जाता है, जिससे वे आयकर विभाग की पकड़ में नहीं आ पाते हैं।

आयकर विभाग की ओर से जारी नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2007-08 के दौरान कर आकलन में यह पता चला कि 30 लाख रुपये से ऊपर की खरीद-बिक्री में केवल 27 फीसदी लोगों ने ही सही पैन नंबर का उल्लेख किया है, जबकि नकद जमा में 39 फीसदी लोगों ही वैध पैन नंबर का जिक्र किया है।

क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने वालों में से 41 फीसदी, जबकि 30 लाख रुपये से अधिक मूल्य के मकान की खरीदारी में 45 फीसदी लोगों ने ही वैध पैन नंबर का उल्लेख किया है।

सीबीडीटी का कहना है कि आयकर विभाग इस तरह के मामलों की जांच हर साल करता है, लेकिन कर्मचारियों और अधिकारियों की कम संख्या के चलते इसे प्रभावी ढंग से पूरा नहीं कर पाता है।

हालांकि इन चारो श्रेणियों में लेन-देन के दौरान वैध नंबर का उल्लेख करने वालों की संख्या में लगातार इजाफा भी हो रहा है। वर्ष 2005-06 के दौरान क्रेडिट कार्ड भुगतान में केवल 12 फीसदी लोगों ने ही वैध पैन का उल्लेख किया था, लेकिन दो सालों में इसका प्रतिशत काफी बढ़ा है।

खास बात यह भी कि वर्ष 2007-08 के दौरान चार अन्य श्रेणियों- 2 लाख रुपये से अधिक के म्युचुअल फंडों की खरीदारी, 5 लाख रुपये अधिक के बॉन्डडिवेंचर की खरीदारी या फिर 1 लाख रुपये से अधिक के शेयरों की खरीदारी या फिर 5 लाख रुपये से अधिक के आरबीआई बॉन्डों की खरीदारी में 90 फीसदी वैध पैन का जिक्र किया गया है।

लेन-देन में वैध पैन का प्रतिशत

लेन-देन          वर्ष 2005-06            2006-07           2007-08
नकद जमा       27.35                    30.64                 39.37
क्रेडिट कार्ड       12.41                    23.28                 40.96
म्युचुअल फंड    86.62                   88.78                 96
बॉन्ड डिवेंचर्स    56.38                   87.78                90.59
शेयर                    83.05                  91.06                90.96
अचल संपत्ति
की खरीद           18.71                  38.44                45.09
अचल संपत्ति
की बिक्री           15.51                  20.15                 26.91
आरबीआई
बॉन्ड                  60.22                  75.69                 90.13

First Published - December 6, 2008 | 12:16 AM IST

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