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जय हो… निर्यातकों, कर्मियों की

Last Updated- December 10, 2022 | 6:04 PM IST

चुनावी समर के शंखनाद से ऐन पहले केंद्र सरकार ने एक बार फिर रियायतों की बौछार कर दी। इस बार सरकारी बौछार से निर्यातकों को तर होने का मौका मिला है।
सरकार ने एक्सपोर्ट प्रमोशन कैपिटल गुड्स स्कीम (ईपीसीजी) के तहत न सिर्फ सीमा शुल्क (कस्टम) को 5 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी कर दिया गया बल्कि कई अन्य छूटों का ऐलान भी कर दिया गया।
दिलचस्प बात यह है कि सरकार ने इन राहतों की घोषणा ठीक उस वक्त की है जब चुनाव आयोग जल्द ही देश में आम चुनावों की घोषणा कर सकता है। एक बार घोषणा होने के बाद अधिसूचना जारी होने के बाद सरकार के पास इस तरह की घोषणा करने का रास्ता बंद हो जाता। 
बहरहाल, वाणिज्य मंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को 2009-10 के लिए अंतरिम व्यापार नीति की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार ने इस पॉलिसी में कारोबारी साल 2009-10 के लिए निर्यात का लक्ष्य 200 अरब डॉलर तय किया गया है।
उन्होंने बताया कि इससे पहले 2008 में भारत का निर्यात बढ़कर 162 अरब डॉलर हो गया। पिछले साल निर्यात की विकास दर 30.9 फीसदी रही थी।

इसके 2009 में बढ़कर 175 अरब डॉलर हो जाने की उम्मीद है। नौकरियों के अवसर के बारे में उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में इस क्षेत्र में 14 लाख नए रोजगार पैदा हुए।
उनके मुताबिक, मार्च 2009 तक विशेष आर्थिक क्षेत्र से निर्यात 18 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है।  इससे पहले, मंगलवार को उद्योग जगत की मांग और अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए सरकार ने तीसरे राहत पैकेज की भी घोषणा की थी।
इसके तहत, वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने उत्पाद शुल्क और सेवा कर में दो-दो फीसदी की कटौती का ऐलान किया था। इस घोषणा के दौरान मुखर्जी ने यह भी माना था कि जिन देशों को भारत से अधिक निर्यात किया जाता रहा है, वहां पर मंदी की मार की वजह से देसी अर्थव्यवस्था को भी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
राज्यों के लिए भी दिखाई जोरदार दरियादिली
सरकार ने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को 3.5 प्रतिशत कर 2009-10 के ऋण सुदृढ़ीकरण एवं राहत सुविधा (डीसीआरएफ) दिशा-निर्देशों में ढील देने का फैसला किया है।
यह फैसला इसलिए किया गया ताकि राज्यों को 2009-10 के दौरान अपने सकल घरेलू उत्पाद का 3.5 प्रतिशत तक उधारी लेने में मदद मिल सके। जनवरी 2009 में दूसरे विशेष आर्थिक पैकेज के रूप में सरकार ने डीसीआरएफ दिशानिर्देशों में ढील दी थी।
उस फैसले के जरिए राज्यों को अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 0.5 प्रतिशत की अतिरिक्त बाजार उधारी लेने में मदद की गई थी।
रिम-झिम गिरें रियायतें
ईपीसीजी के तहत सीमा शुल्क में 2 फीसदी की कमी 

5 फीसदी से घटाकर किया 3 फीसदी 

अगले वित्त वर्ष में 200 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य

First Published - February 27, 2009 | 12:16 AM IST

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