सरकार ने गुरुवार को नए ‘ड्रोन नियम, 2021’ की घोषणा की है। इससे मंजूरी की प्रक्रिया सरल होगी, स्वप्रमाणन को अनुमति मिलेगी और दस्तावेजीकरण और शुल्क में कमी आएगी। उद्योग ने नियमों का स्वागत किया है। ये नियम मानवरहित एयरक्राफ्ट सिस्टम (यूएएस) नियम, 2021 की जगह लेंगे, जो इस साल मार्च में आया था।
ड्रोन फेडरेशन आफ इंडिया के निदेशक समित शाह ने कहा, ‘इन नियमों को जारी किए जाने के बाद भारत की ड्रोन व्यवस्था का नया युग आएगा, जिसकी बाजार क्षमता 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इससे अगले 5 साल में 5 लाख पेशेवर नौकरियों का सृजन हो सकता है। इन नियमों में 500 किलो तक के ड्रोन शामिल होंगे, जिससे डिलिवरी ड्रोन के घरेलू उद्योग के लिए अवसर बढ़ेंगे। साथ ही ड्रोन टैक्सी भारत को भविष्य के लिए तैयार करेगी। अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम्स प्रमोशन काउंसिल की स्थापना, जिसमें उद्योग और शिक्षा जगत के लोग शामिल होंगे, से पता चलता है कि सरकार ने ड्रोन तकनीक को राष्ट्रीय महत्त्व वाली तकनीक के रूप में समझा है।’
उद्योग संगठन नैशनल एसोसिएशन आफ सॉफ्टवेयर ऐंड सर्विसेज कंपनीज (नैस्कॉम) ने भी नियमों का स्वागत किया है। नैस्कॉम की नीति इकाई ने ट्वीट किया, ‘मंजूरी सरल हुई। 500 किलो तक कवरेज, मामूली शुल्क, कम जुर्माना, हवाईअड्डों से 12 किलोमीटर तक येलो जोन और 200 फुट तक उडऩे वाले ड्रोन को एयरपोर्ट से 8 से 12 किलोमीटर तक की अनुमति मिली है। इससे नवोन्मेष, स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा।’
नए नियमों के तहत नियम पालन न करने की स्थिति में जुर्माना एक लाख रुपये से ज्यादा नहीं होगा। इस प्रक्रिया में महानिदेशक या केंद्र या राज्य सरकार, केंद्र शासित प्रशासन द्वारा प्राधिकृत अधिकारी शामिल होंगे, जिन्हें संतुष्ट करना होगा कि व्यक्ति ने नियमों का पालन नहीं किया है या इन नियमों के प्रावधानों का अनुपालन करने में सफल नहीं हुआ है।