भारत की इंटरनेट अर्थव्यवस्था पिछले साल की तुलना में 2021 में 50 प्रतिशत बढ़ी है। साथ ही यह 2030 तक 1 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकती है। परामर्श फर्म रेडसियर की एक रिपोर्ट में यह सामने आया है।
इंटरनेट की पहुंच में तेज बढ़ोतरी, इंटरनेट की हाई-स्पीड पहुंच, ऑनलाइन खरीदारी और डिजिटल सामग्री की खपत में तेजी की वजह से मजबूती से विस्तार को बल मिलेगा। भारत की आबादी बहुत ज्यादा बहुलतावादी है, ऐसे में एक सेग्मेंट की जरूरतें दूसरे सेग्मेंट से अलग हो सकती हैं। इसे देखते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के डिजिटल उपभोक्ता का आधार को व्यापक रूप से 3 हिस्सों में बांटा जा सकता है।
पहला सेग्मेंट 8 से 10 करोड़ लोगों का है, जिसकी सालाना आमदनी 12,000 डॉलर से ज्यादा है और यह मुख्य रूप से महानगरों में रहती है और बेहतर गुणवत्ता की सेवाओं की उम्मीद करती है। कुछ कारोबारियों ने सफलतापूर्वक वैश्विक मॉडल अपनाया है, जिससे इस समुदाय को सेवाएं प्रदान की जा सकें।
दूसरा तबका वह है, जिसकी सालाना आमदनी 5,000 से 12,000 डॉलर सालाना आमदनी है। यह तबका बजट को लेकर बहुत सचेत होता है। इस डिजिटल आबादी की अनुमानित संख्या 10 से 20 करोड़ है।
अंतिम तबका वह है, जिसकी आबादी 40 से 50 करोड़ है और यह आबादी ग्रामीण क्षेत्र में और मझोले शहरों में रहती है। इसकी सालाना आमदनी 5000 डॉलर से कम है और संभवत: इस तक पहुंचना कठिन है और इनकी समस्याओं के समाधान के लिए डिजिटल हस्तक्षेप ज्यादा है। यह संभवत: डिजिटल क्षेत्र में पहुंच के हिसाब से सबसे महत्त्वपूर्ण आबादी है। वक्त की जररूरत है कि इनकी समस्याओं का गहराई से समाधान किया जाए।
रेडसियर की रिपोर्ट के मुताबिक वर्नाकुलर फस्र्ट ऐप तीसरी श्रेणी में आने वाले लोगों को समाधान दे रहे हैं और ये बड़े टीएएम (टोटल एड्रेसेबल मार्केट) तक पहुंचने में सक्षम हैं। साथ ही एक चैनल का तरीका अपना कर और सुपर ऐप के माध्यम से इस क्षेत्र की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है।
भारत की नई डिजिटल क्रांति बी2बी (बिनेजस टु बिजनेस) के क्षेत्र में तकनीक की स्वीकार्यता के साथ और बढ़ेगी। वित्त वर्ष 21 में एसएएएस मार्केट का बाजार करीब 3.5 अरब डॉलर का रहा है, यह 18 प्रतिशत सीएजीआर के साथ वित्त वर्ष 26 तक बढ़कर 8 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की संभावना है। प्रमुख इंटरनेट अर्थव्यवस्था में ई-टेल, ईहेल्थ, फूडटेक, ऑनलाइन मोबिलिटी और बिलपे और रिचार्ज की वजह से तेजी आई है। खासकर कोविड के बाद इसका इस्तेमाल बढ़ा है और कोविड के बाद रिकवरी में यह और मजबूत बनकर उभर रहा है।
रेडसियर के संस्थापक और सीईओ अनिल कुमार ने कहा, ‘भारत की 1 लाख करोड़ डॉलर की उपभोक्ता इंटरनेट अर्थव्यवस्था में विभिन्न अहम इंटरनेट क्षेत्रोंं जैसे ई-टेलिंग, ई-हेल्थ, फूडटेक, ऑनलाइन मोबिलिटी और क्विक कॉमर्स की अहम भूमिका होगी और खपत वाली अर्थवव्यवस्था में यह सब मिलकर मजबूत आधार तैयार करेंगे।’