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चमड़ा कारोबार पर पेटा ने गिराई गाज

Last Updated- December 08, 2022 | 8:07 AM IST

मंदी से जूझ रहे भारत के चमड़ा कारोबारियों पर अब एक और गाज गिरने वाली है।


दरअसल, पीपुल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल (पेटा), इंडिया ने कहा है कि अमेरिका के प्रमुख चमड़ा उत्पाद विक्रेता लिज क्लाईबोर्न ने भारत से चमड़ा उत्पादों के आयात से मना कर दिया है। क्लाईबोर्न का सालाना कारोबार 4.8 अरब डॉलर का है।

लिज का कहना है कि भारत में चमड़ा प्राप्त करने के लिए पशुओं पर क्रूरता बरती जाती है और उसे अमानवीय तरीके से मारा जाता है। ऐसे में उन्होंने तय किया है कि अब वे भारतीय चमड़ा उत्पादों की बिक्री नहीं करेंगे।

अमेरिका के एक अन्य रिटेलर केनिथ कोली ने भी कहा है कि वह भारत में बनने वाले चमड़े का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

पेटा के प्रवक्ता एन.जी. जयसिम्हा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘संस्था की ओर निर्णय लिया गया है कि अमेरिका और यूरोप में तब तक भारतीय चमड़ा उत्पादों का बहिष्कार किया जाएगा, जब तक सरकार और चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) पेटा के साथ किए गए 6 साल पुराने वादे को पूरा नहीं करते।

पेटा इंडिया और इसकी सहयोगी संस्थाओं ने 7 साल तक भारतीय लेदर हाउसों में पशुओं के लाने ले-जाने और उसे मारने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे तरीकों का अध्ययन किया। जिसमें यह पता चला कि पशुओं के साथ क्रूरतापूर्वक व्यवहार किया जाता है।

इसके खिलाफ पेटा इंडिया की ओर से विरोध प्रदर्शन शुरू करने की बात कही गई थी, लेकिन सरकार की ओर से आश्वासन मिलने के बाद विरोध-प्रदर्शन को फिलहाल रोक दिया गया था।

दरअसल, सरकार की ओर से कहा गया था कि चमड़े के लिए पशुओं को मारने के लिए मानक बनाकर, उसे कठोरता से लागू किया जाएगा।

जयसिम्हा का कहना है कि सरकार और चमड़ा निर्यातक परिषद अपने वादे को पूरा नहीं कर पाई है।जयसिम्हा ने बिानेस स्टैंडर्ड को बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वाणिज्य मंत्री स्व. मुरासोली मारन की ओर से जो मानक बनाए गए थे, उसे चमड़ा निर्यातक परिषद सख्ती से लागू नहीं कर पाई।

उन्होंने बताया कि पेटा की ओर पशुओं के हित में चरणबद्ध तरीके से कार्यक्रम चलाया जाएगा और जरूरत पड़ने पर न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जा सकता है।

इस बारे में सीएलई उत्तरी क्षेत्र की निदेशक इंदिरा शर्मा ने बताया कि इस तरह के अभियान की उन्हें कोई जानकारी नहीं है और न ही इसकी वजह से अभी तक कोई ऑर्डर ही रद्द किया गया है।

हल्का नहीं विरोध

वर्ष 2000 में जब पेटा की ओर से अमेरिका में भारतीय चमड़े के बहिष्कार की घोषणा की गई थी, तब दुनियाभर के 40 रिटेलरों ने उनका साथ दिया था।

इन कंपनियों की ओर से भारतीय चमड़ा उत्पादों के नहीं बेचने से भारतीय कारोबारियों को करीब 6.8 लाख डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा था।

यही नहीं, इस अभियान में कई सेलिब्रेटी भी पेटा के साथ आए थे। इनमें- दलाई लामा, पामेला एंडरसन, जैकी चैन प्रमुख हैं।

अमेरिकी रिटेलरों ने भारतीय चमड़े के आयात से किया इनकार

पेटा ने कहा, पशुओं के साथ क्रूरता है इसकी वजह

First Published - December 10, 2008 | 12:00 AM IST

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