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राज्यों को मिला मुआवजा

Last Updated- December 15, 2022 | 4:13 AM IST

केंद्र ने 2019-20 में राज्यों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 1.65 लाख करोड़ रुपये मुआवजा जारी किया है, जबकि इस मकसद के लिए उपकर संग्रह महज 95,000 करोड़ रुपये रहा है। इसके पहले केंद्र ने 1.51 लाख करोड़ रुपये दिए थे, जो अप्रैल-फरवरी 2019-20 के लिए थे। 
मुआवजा उपकर संग्रह पर्याप्त न होने की वजह से राज्यों को भुगतान में थोड़ी देरी हुई है। मुआवजे का सबसे बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र को गया है, जो वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 19,233 करोड़ रुपये है।
पिछले महीने केंद्र सरकार ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के लिए फरवरी 2020 तक 3 महीने के लिए 36,400 करोड़ रुपये जीएसटी मुआवजा जारी किया था।
अप्रैल नवंबर 2019 तक की अवधि के लिए केंद्र ने पहले ही राज्यों को 1.15 लाख करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। केंद्र ने 2018-19 में 69,275 करोड़ रुपये, 2017-18 में 41,146 करोड़ रुपये जीएसटी मुआवजा जारी किया था, जो जुलाई 2017 में लागू किया गया था।
वहीं 2019-20, 2018-19 और 2017-18 वित्त वर्षों में उपकर संग्रह क्रमश: 95,444 करोड़ रुपये, 95,081 करोड़ रुपये और 62,611 करोड़ रुपये रहा है। जीएसटी लागू होने के पहले दो वर्षों में एकत्र किया गया उपकर राज्यों को दिए जाने वाले मुआवजे की तुलना में ज्यादा था, ऐसे में47,271 करोड़ रुपये उपकर का इस्तेमाल नहीं हो सकता था। बगैर आवंटन वाला आईजीएसटी संग्रह और इस बची हुई राशि को मिलाकरक केंद्र सरकार के पास राज्यों को मुआवजा देने के लिए धन मिल पाया है।
जीएसटी कानून के तहत राज्यों को जीएसटी लागू होने के बाद के 5 साल तक किसी भी कर नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार को करनी है। राजस्व में इस कमी की गणना यह कल्पना करके की जाती है कि राज्य के राजस्व में सालाना 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, जिसके लिए आधार वर्ष 2015-16 रखा गया है।

First Published - July 27, 2020 | 11:41 PM IST

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