भारत अगले छह महीनों के दौरान कम से कम आधा दर्जन देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) करने की दिशा में कदम बढ़ाएगा। जिन देशों के साथ भारत ये समझौते करेगा उनमें संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोपीय संघ शामिल हैं। वाणिज्य एवं उद्योग सचिव बी वी आर सुब्रमण्यम ने आज कहा कि सरकार नई विदेश व्यापार नीति के अनुसार एफटीए करने में तेजी लाएगी।
सुब्रमण्यम ने कहा, ‘भारत ने अपनी एफटीए रणनीति में बदलाव किए हैं। दुनिया के देशों के साथ व्यापार आदि के लिए विशेष समझौते करने की जरूरत बढ़ गई है। इनके बिना भारत वैश्विक बाजारों के साथ कदम से कदम मिलाकर नहीं चल पाएगा। दुनिया के देश द्विपक्षीय या क्षेत्रीय व्यापार समझौते कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि ये समझौते इसलिए भी महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि भारत किसी स्थानीय या क्षेत्रीय व्यवस्था का हिस्सा नहीं है। भारत चीन समर्थित क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी (आरसेप) का हिस्सा बनने से इनकार कर चुका है। दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार समूह तैयार करने के लिए पिछले वर्ष आरसेप के लिए हस्ताक्षर हुए थे। उस समय भारत ने कहा था कि बाजार में पहुंच से जुड़ी उसकी चिंताएं दूर नहीं की गई थीं, इसलिए वह इस समझौते का हिस्सा नहीं बन सकता।
सीआईआई के सालाना सत्र में वाणिज्य सचिव ने कहा कि फिलहाल 20 मुक्त व्यापार समझौतों पर बातचीत चल रही है। सुब्रमण्यम ने कहा, ‘हम इनमें छह समझौते तेजी से पूरा करने पर जोर दे रहे हैं और शेष पर फिलहाल जल्दबाजी नहीं दिखाएंगे। संभवत: सबसे पहले हम यूएई के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर करेंगे। ये देश ऐसे हैं जो हमारे विकास में सहभागी होंगे और वे हमारे बाजार का बेजा लाभ भी नहीं उठाएंगे।’