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टीवी रेटिंग रिपोर्ट कार्ड पर गांव वाले भी देंगे नंबर

Last Updated- December 08, 2022 | 9:48 AM IST

प्रसार भारती एक ऐसी योजना पर काम कर रहा है, जिससे टेलीविजन दर्शक रेटिंग कंपनी-टैम के एकाधिकार पर लगाम लग सकती है।


इसके लिए प्रसार भारती एमैप रेटिंग एजेंसी से बात कर रही है, ताकि देशभर के ग्रामीण इलाकों के दर्शकों का भी डाटा तैयार किया जा सके।

इस कवायद से बाजार के दिग्गजों को पता चल सकेगा कि देश के 5000 से अधिक गांवों और कस्बों में रहने वाली जनता, जो मुख्यतौर से दूरदर्शन चैनल देखती है, उनकी जीवनशैली कैसी है।

जानकारों का कहना है कि देश के करीब 8 करोड़ घरों में केबल और सेटेलाइट चैनलों को दर्शक देखते हैं, जिनमें से करीब 20 फीसदी ग्रामीण इलाकों के हैं। बावजूद इसके ग्रामीण इलाकों में 5 करोड़ घर ऐसे हैं, जो केवल दूरदर्शन पर निर्भर हैं।

प्रस्ताव के मुताबिक, इस योजना के लिए प्रसार भारती फंड मुहैया कराएगा, वहीं ऑनलाइन टेलीविजन रेटिंग एजेंसी एमैप को भी इसमें निवेश करना होगा।

शुरुआती दौर में ग्रामीण इलाकों के 2000 घरों का नमूना लिया जाएगा, जिसके लिए एकमुश्त 10 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। उसके बाद इस प्रक्रिया को चालू रखने में करीब 4.65 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

प्रसार भारती का कहना है कि खर्च की गई यह राशि अगले दो साल में प्राप्त हो जाएगी, क्योंकि संग्रह किए गए डाटा को संबंधित कंपनियों को बेचा जाएगा। मौजूदा समय में टैम विभिन्न राज्यों के 23 शहरों के करीब 10,000 घरों से इस तरह के नमूने एकत्र करती है।

टैम के मुताबिक, विज्ञापन बाजार में 8,000 करोड़ रुपये एफएमसीजी, वाहन, बैंकिंग, दूरसंचार, शिक्षण संस्थाओं और अन्य कंपनियों की ओर से खर्च किए जा रहे हैं।

गुड़गांव स्थित मीडिया एजेंसी हावस मीडिया के सीईओ अनिता नैयर का कहना है कि मौजूदा समय में केवल 23 शहरों से नमूने जमा किए जा रहे हैं, जो पर्याप्त नहीं हैं।

अगर इसमें ग्रामीण इलाकों के लोगों को भी शामिल किया जाए, तो मीडिया योजनाकार विज्ञापनों के खर्च को बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, दर्शकों की जीवनशैली, आदतों और अन्य बातों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा, जिसे निर्धारित शुल्क लेकर कंपनियों को मुहैया कराई जा सकती है।

प्रसार भारती इस प्रस्ताव को सूचना तकनीक की स्थाई समिति के समक्ष पेश कर चुका है। एमैन के सीईओ अमित वर्मा का कहना है कि अगगर यह प्रस्ताव पास हो जाता है, तो राज्य सरकार भी इसके लिए फंड दे सकती है। वहीं कंपनियों को ग्रामीण इलाकों की समझ बढ़ेगी, जिसका फायदा उन्हें मिलेगा।

प्रसार भारती रेटिंग एजेंसी एमैप के साथ मिलकर ग्रामीण इलाकों के दर्शकों का डाटा संग्रह करेगी

ग्रामीण इलाकों के दर्शकों की जीवनशैली का लगेगा पता

टीवी रेटिंग में टैम के वर्चस्व को मिलेगी चुनौती

First Published - December 17, 2008 | 11:55 PM IST

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