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एलआईसी आईपीओ के लिए बैक एंड तकनीकी तैयारी पर है कार्यसमूह की नजर

Last Updated- December 11, 2022 | 9:27 PM IST

बीएस बातचीत
एलआईसी के आईपीओ के लिए तकनीकी तैयारियों का जायजा लेने के लिए एक कार्य समूह का गठन किया गया है। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने निकुंज ओहरी के साथ बातचीत में कहा कि एलआईसी का आईपीओ देश का सबसे बड़ा आईपीओ होने जा रहा है जिसके लिए निवेशकों से बड़ी प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है। इसके तहत करोड़ों आवेदन आने की उम्मीद है जिनकी जांच उतने ही बड़े पैमाने पर करने की जरूरत है ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को दूर रखा जा सके। पेश हैं मुख्य अंश:
एलआईसी के आईपीओ के लिए कैसी तैयारी है?
हम सात से 10 दिनों में एलआईसी के आईपीओ के लिए डीआरएचपी लेकर आएंगे। सरकार समानांतर रूप से आईआरडीएआई और सेबी के साथ परामर्श कर रही है।
सौदों के आकार को देखते हुए लगातार संलग्नता बनाए रखना जरूरी है क्योंकि यह एक बहुत असाधारण आईपीओ है। यह सबसे बड़े आईपीओ में से एक होगा लिहाजा सेबी को भी अपने स्तर पर ऐसे कदम उठाने होंगे जिससे इसको आसानी से संपन्न किया जा सके। तकनीक के संदर्भ में और आईपीओ के बैक एंड प्रक्रिया को बाधारहित तरीके से चलाने के लिए सेबी ने आकलन किए हैं। बैंक, प्रायोजक बैंक, यूपीआई, आवेदन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के काम, आवंटन और फंडों के प्रवाह सहित कई बातों की जांच की गई है। सेबी, बैंकों, यूपीआई, शेयर अंतरण एजेंटो और अन्य मध्यस्थों के सदस्यों को शामिल कर एक कार्य समूह बनाया गया है। चूंकि करोड़ों की संख्या में आवेदन आने की उम्मीद है लिहाजा उसी स्तर पर जांच की व्यवस्था किए जाने की जरूरत है ताकि आवेदन को आगे बढ़ाने और फंडों के प्रवाह में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके। कार्य समूह दो महीने के लिए काम करेगा। बैंक भी अपने आईटी प्रणाली को दुरुस्त कर रहे हैं।

संशोधित बजट अनुमानों में एलआईसी आईपीओ से अनुमानित प्राप्तियों पर विचार किया गया?
विनिवेश के लिए संशोधित अनुमान में एलआईसी आईपीओ पर विचार किया गया, लेकिन अनुमान अनिश्चित समय पर तैयार किए जा रहे हैं। यह ऐसे समय पर हो रहा है जब आईपीओ के आकार को अब तक निर्धारित नहीं किया गया है। जब तक हमें पैसा नहीं मिल जाता है हम विवरण को लेकर सटीक बात नहीं कह सकते। आईपीओ के आकार के जरिये कुछ विचार डीआरएचपी में दिया जाएगा। एलआईसी का मूल्यांकन अब तक पूरा नहीं हुआ है।

क्या एलआईसी को सूचीबद्घ कराने से पॉलिसिधारकों के हित के साथ समझौता होगा क्योंकि उसे अब शेयरधाकों के लिए लाभप्रदता पर ध्यान देना होगा?
नियमों में भागीदारी वाले उत्पादों के मामले में शेयरधारकों के साथ 10 फीसदी से अधिक अतिरिक्त रकम को साझा करने की अनुमति नहींं दी गई है और शेष रकम को पॉलिसिधारकों के साथ साझा किया जाएगा। केवल गैर साझेदारी वाले उत्पादों में ही पॉलिसिधारकों के पास अतिरिक्त रकम का कोई पैसा नहीं जाएगा। इसके अलावा एक पॉलिसिधारक उपयुक्त उम्मीद (पीआरई) पहलू भी है जिसे पूरा किया जाना है। जब पॉलिसी बेची जाती है तब पॉलिसिधारकों को एक निश्चित पीआरई दिया जाता है जिसे पूरा करना होता है।

इसके अलावा चालू वित्त वर्ष में और किन विनिवेशों को पूरा किया जाएगा?
मैं इस बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कह सकता लेकिन मोटे तौर पर हमारा ध्यान एलआईसी पर है। ऐसा इसलिए है कि यह एक बड़ा सौदा है और कोई साधारण काम नहीं है। और यदि इसे पूरा करने में हम कामयाब हो जाते हैं तो हम यह साबित करने में सक्षम हो जाएंगे कि कोविड-19 की दो लहरों के बावजूद सरकार ने एयर इंडिया और एलआईसी के रूप में दो बड़े सौदों को पूरा कर दिया।

अगले वर्ष में किन सौदों पर जोर रहेगा?
हमारे पास कई ऐसे सौदे हैं जिन पर काम चल रहा है और कई पाइपलाइन में हैं। कुछ सौदे अग्रिम स्थिति में पहुंच चुके हैं तो कई सम्यक उद्यम के चरण में है और कुछ सौदों के लिए ईओआई जारी किया जाएगा।
विभिन्न सौदों के लिए बोलीदाताओं की रुचि, सम्यक उद्यम का स्तर अलग अलग है। कुछ सौदे तेजी से पूरे होते हैं तो कुछ को पूरा करने में समय लगता है।
गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में नगरनार इस्पात संयंत्र अगला होगा। इसको अलग करने की प्रक्रिया दाखिल की जा चुकी है। राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के लिए भी ईओआई शीघ्र ही जारी किया जाएगा।

सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की क्या स्थिति है?
इस काम पर वित्तीय सेवाएं विभाग नजर रहेगी और उपयुक्त समय पर इस संबंध में कानून लाया जाएगा।  

संपत्ति मुद्रीकरण की प्रगति कैसी है?
नीति आयोग संपत्ति मुद्रीकरण की प्रक्रिया देख रहा है और संपत्ति मुद्रीकरण से करीब 26,769 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। इस साल के लिए 88,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया था। और भी संपत्तियों के मुद्रीकरण की योजना पाइपलाइन में है।

पीएसयू द्वारा चिह्नित 3,200 एकड़ जमीन का मुद्रीकरण किस प्रकार से किया जाएगा?
एक एसपीवी काम कर रही है। इसे एनबीसीसी को भूमि प्रबंधन एजेंसी की भूमिका सौंप कर भी पूरा किया जा सकता है। वे कुछ करीबी सीपीएसई को मदद पहुंचाने का भी प्रयास कर रहे हैं। लेकिन एक बार जब विशिष्ट एसपीवी कार्य करने लगेगी तब चीजें तेज गति से आगे बढ़ेंगी।  

क्या सीईएल का दोबारा से निजीकरण किया जाएगा?
इस पर कोई अंतिम विचार नहीं लिया गया है और कुछ आरोप सरासर गलत हैं। कर्मचारी संघ ने कहा है कि जमीन का मूल्य 440 करोड़ रुपये है जो कि गलत बात है। यह कोई मुक्त जमीन नहीं है बल्कि 99 वर्ष के लिए पट्टे पर है जिसमें से 46 वर्ष पूरे हो चुके हैं। कंपनी की देनदारी को भी खरीदार के ऊपर ही डाला जाएगा।

First Published - February 2, 2022 | 11:40 PM IST

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