भारत में थोक मूल्य पर आधारित महंगाई दर मई महीने में 12.94 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक कम आधार के असर और ईंधन व जिंसों के दाम में तेजी जारी रहने के कारण ऐसा हुआ है।
अप्रैल महीने में थोक महंगाई 10.49 प्रतिशत पर थी। वहीं मई, 2020 में थोक महंगाई में अवस्फीति आई थी और यह
-3.37 प्रतिशत पर थी, जिसकी गणना थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आधार पर की जाती है। पिछले साल मई में लॉकडाउन के कारण मांग में कमी आई थी और दाम गिरे थे। सरकार द्वारा हाल में जारी महंगाई दर आंकड़े मौजूदा नई शृंखला में महंगाई का यह उच्ततम स्तर है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘मई, 2021 में उच्च महंगाई दर की प्राथमिक वजह पिछले साल की समान अवधि का निम्न आधार और कच्चे पेट्रोलियम, खनिज तेल जैसे पेट्रोल, डीजल, नाफ्था, फर्नेस ऑयल आदि और विनिर्मित वस्तुओं के दाम में पिछले साल के समान महीने की तुलना में भारी तेजी है।’
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक ईंधन और बिजली की महंगाई दर पिछले साल की तुलना में 37.61 प्रतिशत ज्यादा है, जिसमें पेट्रोल व डीजल की कीमतों ने अहम भूमिका निभाई है। अप्रैल में बिजली और ईंधन की महंगाई दर 20.94 प्रतिशत, जबकि पिछले साल मई में -23.08 प्रतिशत थी।
केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस के मुताबिक कोरोनावायरस की दूसरी लहर कमजोर पडऩे और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने से भारत में कच्चे तेल की मांग बढ़ सकती है और इसका असर कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों पर भी पड़ सकता है। विनिर्मित वस्तुओं के दाम में 10.83 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जिसकी सूचकांक में दो तिहाई हिस्सेदारी होती है।
थोक मूल्य सूचकांक में प्राथमिक वस्तुओं का हिस्सा पांचवें से ज्यादा होता है। इसकी कीमतों में अप्रैल के 10.16 प्रतिशत की तुलना में कमी आई है और मई में इसकी महंगाई 9.6 प्रतिशत है। मई महीने में खाद्य के दाम में 4.31 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जिसके दाम में एक साल पहले 1.55 प्रतिशत और अप्रैल में 4.92 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।
पिछले महीने की तुलना में खाद्य वस्तुओं जैसे फलों व सब्जियों के दाम में कमी आई है।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘प्रमुख थोक महंगाई (विनिर्मित गैर खाद्य उत्पाद) तेजी से बढ़ी है और यह मई, 2021 में इस शृंखला के सबसे उच्च स्तर 10 प्रतिशत पर है। प्रमुख डब्ल्यूपीआई महंगाई में जून, 2021 में और बढ़ोतरी होने और इसके 10.4 से 10.9 प्रतिशत पर पहुंचने की संभावना है और यह सितंबर 2021 तक बनी रह सकती है।’
गैर खाद्य वस्तुओं की महंगाई 8 साल के उच्च स्तर 18.4 प्रतिशत पर है, जो एक महीने पहले 15.6 प्रतिशत पर थी और मई 2020 में 3.9 प्रतिशत का संकुचन आया था। अर्थशास्त्रियों ने कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी की तरह आने वाले महीनों में बने रहने की संभावना है क्योंकि जिंसों के वैश्विक दाम में तेजी बनी हुई है।
सबनवीस ने कहा, ‘वैश्विक स्तर पर देखें तो कच्चे तेल, धातुओं और खाद्य तेल की कीमतों में तेजी है और इसका दबाव थोक मूल्य सूचकांक पर रहेगा, क्योंकि भारत इनमें से ज्यादातर जिंसों के मूल्य की गणना करता है। इसके साथ ही कम आधार के असर के कारण आने वाले महीनों में थोक महंगाई 10 प्रतिशत से ऊपर बनी रहेगी।’