भारत विश्व व्यापार संगठन (WTO) की होने वाली बैठक में ई-कॉमर्स व्यापार मामले में सीमा शुल्क पर रोक को आगे जारी रखने के पक्ष में नहीं है। उसका मानना है कि इसका प्रतिकूल असर विकासशील देशों पर पड़ रहा है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह कहा।
डब्ल्यूटीओ की बैठक इस महीने अबू धाबी में होने वाली है। अधिकारी ने कहा कि ई-कॉमर्स व्यापार पर बकायदा एक कार्ययोजना है और डब्ल्यूटीओ के सदस्यों को उसी के तहत इस मुद्दे पर चर्चा जारी रखनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं हैं। हम कार्ययोजना जारी रखने के पक्ष में हैं। इस विषय को विकास के नजरिये से देखने की जरूरत है, न कि बड़ी तकनीकी कंपनियों की नजर से।’’
सीमा शुल्क पर रोक के दायरे पर चर्चा करने की जरूरत है क्योंकि इसकी वजह से राजस्व पर असर पड़ता है। अनुमान के मुताबिक, विकासशील देशों को संभावित शुल्क राजस्व नुकसान हर साल लगभग 10 अरब डॉलर है। भारत के लिए, यह सलाना 50 करोड़ डॉलर से अधिक होने का अनुमान है।
अधिकारी ने यह भी कहा, ‘‘ई-कॉमर्स व्यापार की स्पष्ट परिभाषा की जरूरत है…।’’ उब्ल्यूटीओ की 26-29 फरवरी को अबू धाबी में होने वाली 164 व्यापार मंत्रियों की बैठक में यह विषय प्रमुखता से उठेगा।