कंपनियों से उतार-चढ़ाव वाले भारी जमा पर निर्भरता के बजाय आरबीएल बैंक ऋण में वृद्धि पर ध्यान दे रहा है। बैंक के एमडी और सीईओ आर सुब्रमण्य कुमार ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के भास्कर दत्ता से बात की। प्रमुख अंश…
चालू वित्त वर्ष में आपने ऋण में 15 प्रतिशत वृद्धि और अगले साल 20 प्रतिशत वृद्धि के दिशानिर्देश जारी किए हैं। ध्यान का प्रमुख क्षेत्र क्या है?
परंपरागत रूप से बैंक दो सूक्ष्म क्षेत्रों के सहारे बढ़ा है, क्रेडिट कार्ड और माइक्रोफाइनैंस। माइक्रोफाइनैंस में इस साल जून के आखिर से वृद्धि हो रही है। इस तिमाही हमने 1,800 करोड़ रुपये का काम किया है और इस क्षेत्र में 2,000 करोड़ रुपये तक वृद्धि की संभावना है। दूसरे, परंपरागत रूप से हम क्रेडिट कार्ड जारी करने में पांचवें स्थान पर हैं और क्रेडिट कार्ड से खर्च के मामले में पांचवें या छठे स्थान पर रहे हैं।
हम 17 प्रतिशत वृद्धि के साथ इस क्षेत्र में अग्रणी बने हुए हैं। लेकिन अगर आप इन दोनों को देखें तो बही में इनकी हिस्सेदारी 15-20 प्रतिशत से ज्यादा नहीं है। ऐसे में हमें विकल्पों की ओर देखना होगा। कुछ चिह्नित विकल्पों में खुदरा कर्ज शामिल है। हम दोपहिया, पुरानी कारों व गोल्ड लोन में विस्तार कर रहे हैं। इस तरह के कई क्षेत्रों हम संभावनाएं तलाश रहे हैं।
जुलाई-सितंबर में जमा वृद्धि 5 प्रतिशत रही, जो ऋण की तुलना में कम है। प्रतिस्पर्धी माहौल में धन जुटाने के लिए क्या रणनीति है?
आज हम कुल मिलाकर जमा और कासा जमा पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रहे हैं, जिसकी सामान्य वजह है। हमारा सीडी अनुपात 72 से 76 प्रतिशत की सीमा में है। दूसरा, हमारा एलसीआर 156 प्रतिशत है और हमने अपना एलसीआर 120 प्रतिशत के करीब रखने की योजना बनाई है।
क्या आप ब्याज से कमाई 4.55 प्रतिशत पर बरकरार रखने पर सफल होंगे?
नई पहल के साथ हम ज्यादा मुनाफे की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे में हम इसे 4.55 प्रतिशत पर बरकरार रखने में सफल रहेंगे।
सकल एनपीए अनुपात घटा है, लेकिन क्या आप शुद्ध एनपीए अनुपात में बढ़ोतरी पर स्थिति साफ करेंगे?
पिछली 4 तिमाही से लगातार जीएनपीए घट रहा है। इससे संकेत मिलता है कि नए खातों में चूक से निपटने के लिए प्रावधान की जरूरत नहीं है। पुनर्गठित खाते के कारण शुद्ध एनपीए बढ़ा है। हमारे पास एक बड़ा कॉर्पोरेट खाता है, जो तकनीकी रूप से एनपीए था। अन्यथा यह लगातार पुनर्गठित खाते के रूप में जारी रहता। यह बड़ा खाता है, जिसकी वजह से हमारे शुद्ध एनपीए में बढ़ोतरी हुई है। आगे चलकर इसमें स्थिरता आएगी।