सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक का शुद्ध लाभ मार्च में समाप्त चौथी तिमाही में 1,010 करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले साल की समान अवधि में बैंक ने 6,567 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान दर्ज किया था।
वित्त वर्ष 21 में बैंक का शुद्ध लाभ 2,557 करोड़ रुपये रहा जबकि वित्त वर्ष 2020 में उसे 5,838 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। तुलना के लिहाज से ये आंकड़े संयुक्त प्रदर्शन के बारे में बताते हैं जबकि सिंडिकेट बैंक का विलय वित्त वर्ष 2020 में केनरा बैंंक के साथ हो गया था। केनरा बैंक के साथ वास्तविक विलय अप्रैल 2020 मेंं हुआ, ऐसे में विलय के बाद बनने वाली इकाई के लिए वित्त वर्ष 2021 पहला पूरा वर्ष हुआ।
बैंक का शेयर बीएसई पर 4.52 फीसदी की गिरावट के साथ 146.65 रुपये पर बंद हुआ। बैंक के बोर्ड की बैठक अगले हफ्ते होनी है, जिसमें क्यूआईपी के जरिये इक्विटी पूंजी जुटाने और अतिरिक्त टियर-1 बॉन्ड के जरिए रकम जुटाने के प्रस्ताव पर विचार होगा। बैंंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी एल वी प्रभारक ने मीडिया से बातचीत मेंं यह जानकारी दी।
दिसंबर 2020 में बैंक ने क्यूआईपी
के जरिए 2,000 करोड़ रुपये जुटाए थे।
बैंक का शुद्ध ब्याज आय चौथी तिमाही में बढ़कर 5,589 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 5,087 करोड़ रुपये रही थी। बैंंक का प्रावधान तिमाही के दौरान तेजी से घटकर 4,692 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 8,979 करोड़ रुपये रहा था।
बैंंक का सकल एनपीए मार्च 2021 में 8.93 फीसदी रहा, जो मार्च 2020 में 9.39 फीसदी रहा था। मार्च 2021 में शुद्ध एनपीए 3.82 फीसदी रहा, जो मार्च 2020 में 4.34 फीसदी रहा था। प्रावधान कवरेज अनुपात मार्च के आखिर में 79.68 फीसदी रहा, जो मार्च 2020 में 76.95 फीसदी रहा था।