कैलेंडर वर्ष 21 में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) उपभोक्ताओं के बीच भुगतान के सबसे पसंदीदा तरीके के रूप में उभरा है, जिसमें मात्रा के लिहाज से पर्सन-टु-मर्चेट (पी2एम) की बाजार हिस्सेदारी 56 प्रतिशत रही है। वर्डलाइन इंडिया की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। मूल्य के लिहाज से यूपीआई के कारोबारी लेनदेन की बाजार हिस्सेदारी 41 प्रतिशत है।
ये कार्ड अब भी व्यापारिक स्वीकृति के भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र पर हावी हैं, जिसमें मात्रा के लिहाज से बाजार हिस्सेदारी 26 प्रतिशत और मूल्य के लिहाज से 53 प्रतिशत है। कार्डों के बीच क्रेडिट कार्डों की बाजार हिस्सेदारी मूल्य और मात्रा के लिहाज से क्रमश: 26 प्रतिशत और आठ प्रतिशत है। इसी तरह डेबिट कार्डों की बाजार हिस्सेदारी मूल्य और मात्रा के लिहाज से क्रमश: 23 प्रतिशत और 14 प्रतिशत है।
कैलेंडर वर्ष 21 में यूपीआई ने 38 अरब से ज्यादा लेनदेन का क्रियान्वयन किया, जिनका मूल्य 71.59 लाख करोड़ रुपये रहा। रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2021 में यूपीआई की कुल मात्रा में 62 प्रतिशत का लेनदेन पी2पी (व्यक्ति-से-व्यक्ति) वाला रहा, जबकि 38 प्रतिशत पी2एम वाला रहा। वर्ष 2021 में यूपीआई के पी2एम लेनदेन का औसत 786 रुपये रहा। ताजा आंकड़ों के अनुसार यूपीआई पर पी2एम लेनदेन की मात्रा 42 प्रतिशत तक बढ़ गई है।