डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (डीबीआईएल) का शुद्ध लाभ मार्च 2021 में समाप्त वर्ष (वित्त वर्ष 2021) के लिए बढ़कर 312 करोड़ रुपये हो गया जो वित्त वर्ष 2020 में 111 करोड़ रुपये रहा था। शुद्ध लाभ में यह वृद्धि वित्त वर्ष 2021 के दौरान संकटग्रस्त निजी क्षेत्र के ऋणदाता लक्ष्मी विलास बैंक (एलबीबी) के अधिग्रहण के प्रभाव के बावजूद दर्ज की गई।
सिंगापुर के बैंक डीबीएस की सहायक इकाई डीबीआईएल ने वित्त वर्ष 2021 में लक्ष्मी विलास बैंक का अधिग्रहण किया था। बैंक ने रियायती कर व्यवस्था को अपनाया जिसके परिणामस्वरूप एकमुश्त समायोजन के कारण 184 करोड़ रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगा। वित्त वर्ष 2021 में डीबीएल का राजस्व 85 फीसदी बढ़कर 2,673 करोड़ रुपये हो गया जिसमें लक्ष्मी विलास बैंक का 134 करोड़ रुपये का राजस्व भी शामिल है। वित्त वर्ष 2020 में डीबीआईएल ने 1,444 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था।
लक्ष्मी विलास बैंक के अधिग्रहण के बाद परिसंपत्ति गुणवत्ता प्रोफाइल पर दबाव बढ़ गया और वित्त वर्ष 2021 में सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बढ़कर 12.93 फीसदी हो गई जो मार्च 2020 में 2.60 फीसदी रही थी। शुद्ध एनपीए मार्च 2021 बढ़कर 2.83 फीसदी हो गया जो मार्च 2020 में 0.47 फीसदी रहा था। प्रावधान कवरेज अनुपात मार्च 2021 में 84 फीसदी था।
मार्च 2021 तक शुद्ध अग्रिम बढ़कर 36,973 करोड़ रुपये (लक्ष्मी विलास बैंक से 10,685 करोड़ रुपये) हो गया जो एक साल पहले 9,131 करोड़ रुपये था। कुल जमा 44 फीसदी बढ़कर 51,501 करोड़ रुपये हो गया जिसमें लक्ष्मी विलास बैंक से 18,823 करोड़ रुपये का योगदान शामिल है। कम लागत वाली नकदी की हिस्सेदारी- चालू खाता एवं बचत खाता (सीएएसए) मार्च 2021 में एक साल पहले के 19 फीसदी से बढ़कर 31 फीसदी हो गई।
बैंक ने एक बयान में कहा कि ऑपरेटिंग प्लेटफॉर्म और शाखाओं का एकीकरण अभी चल रहा है। लक्ष्मी विलास बैंक के चालू एवं बचत खाता शेष के साथ-साथ 2021 में गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में स्थिर वृद्धि वर्तमान रणनीति की सफलता का एक प्रारंभिक संकेतक है। पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) 15.13 फीसदी रहा, जिसमें कॉमन इक्विटी टियर-1 12.34 फीसदी रहा। वर्ष के दौरान डीबीएस बैंक ने समामेलन का समर्थन करने के लिए डीबीआईएल में 2,500 करोड़ रुपये का निवेश किया।