देश में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े ऋणदाता एचडीएफसी बैंक ने 31 मार्च, 2021 को समाप्त वर्ष (वित्त वर्ष 2021) में अग्रिमों में 13.9 फीसदी की वृद्घि हासिल की है जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में बैंक ने 21.27 फीसदी की वृद्घि दर्ज की थी।
निजी क्षेत्र के तीन और बैंकों इंडसइंड बैंक, येस बैंक और फेडरल बैंक के ऋण वृद्घि में वित्त वर्ष 2021 में सालाना आधार पर 0.8 फीसदी से 9 फीसदी की वृद्घि दर्ज की गई है।
एचडीएफसी बैंक के लिए ऋण वृद्घि की रफ्तार पिछले कुछ वर्षों में नजर आई रफ्तार से कम रही। बैंक ने वित्त वर्ष 2019 में 24.5 फीसदी, वित्त वर्ष 2018 में 18.7 फीसदी और वित्त वर्ष 2017 में 19.4 फीसदी की वृद्घि दर्ज की थी। लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि देश में महामारी और उसके कारण लगाए गए लॉकडाउन से उपजी आर्थिक तबाही के पैमाने को देखते हुए बैंक की यह वृद्घि मजबूत मानी जाएगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के मुताबिक 12 मार्च, 2021 तक वाणिज्यिक बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋण में सालाना आधार पर 6.5 फीसदी की वुद्घि हुई है।
बीएसई को दी जानकारी के मुताबिक मार्च, 2021 के अंत में एचडीएफसी बैंक का कुल अग्रिम 11.32 लाख करोड़ रुपये पर था जो मार्च, 2020 के अंत में रहे 9.93 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। बीएसई पर बैंक का स्टॉक 2.52 फीसदी घटकर 1,449 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। वित्त वर्ष 2021 में रहे वित्तीय प्रदर्शन पर चर्चा करने के लिए बैंक बोर्ड की बैठक 17 अप्रैल, 2021 को होने जा रही है।
एचडीएफसी बैंक का घरेलू खुदरा सेगमेंट वित्त वर्ष 2021 में करीब आधा घटकर 7.5 फीसदी रह गया जो वित्त वर्ष 2020 में 14.6 फीसदी रहा था। थोक सेगमेंट की वृद्घि भी वित्त वर्ष 2020 के 29.3 फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2021 में 21 फीसदी रह गई। तकनीकी कारणों से ग्राहकों को हई असुविधा के कारण बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से नए क्रेडिट कार्ड जारी करने और नए डिजिटल लॉन्च पर रोक का भी सामना करना पड़ रहा है।
जमा की बात करें तो 31 मार्च, 2021 के अनुसार बैंक ने सालाना आधार पर 16.3 फीसदी की वृद्घि दर्ज की और यह पिछले वर्ष की समान अवधि के 11.47 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले बढ़कर 13.35 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई। बैंक का सीएएसए अनुपात 31 मार्च, 2021 को करीब 46 फीसदी रहा जो 31 मार्च, 2020 को 42.2 फीसदी था।