रेटिंग एजेंसी मूडीज ने आज आईडीबीआई बैंक की दीर्घावधि जमाओं की रेटिंग बीए2 कर दी। बैंक की संपत्ति गुणवत्ता, पूंजी और फंडिंग की गुणवत्ता में सुधार होने के बावजूद रेटिंग एजेंसी ने यह रेटिंग बैंक को सरकारी समर्थन मिलने को लेकर बढ़ी हुई अनिश्चितता के कारण दी है।
इसी के साथ मूडीज ने निजी क्षेत्र के इस ऋणदाता के आधारभूत ऋण आकलन (बीसीए) में सुधार करते हुए इसे बी2 से बी1 कर दिया। बीसीए में सकारात्मक बदलाव बैंक के वित्तीय प्रोफाइल में सुधार के कारण किया गया।
रेटिंग पर परिदृश्य जस का तस बना रहा क्योंकि आईडीबीआई के सुधरते दिवाला मैट्रिक्स का प्रभाव केंद्र सरकार से कम समर्थन मिलने के जोखिम से निष्प्रभावी हो गया।
मूडीज ने एक वक्तव्य में कहा कि प्राधिकारियों की ओर से आईडीबीआई के नियोजित विनिवेश की घोषणा के कारण असाधारण समर्थन को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है।
सरकार ने बैंक में बहुलांश हिस्सेदारी के विनिवेश की योजना की घोषणा की है जिसमें प्रबंधन नियंत्रण को रणनीतिक निवेशकों को सौंपने की बात शामिल है। मार्च 2021 में समाप्त तिमाही में बैंक में सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम की हिस्सेदारी 49.24 फीसदी और सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी थी।
रेटिंग एजेंसी ने कहा आईडीबीआई बैंक की संपत्ति गुणवत्ता अगले 12 से 18 महीनों में मजबूत बनी रहेगी और भारत में अपने समकक्षों से बेहतर रहेगी। मार्च 2021 के अंत में प्रावधान कवरेज अनुपात (पीसीआर) बढ़कर 97 फीसदी पर पहुंच गया जो मार्च 2029 के अंत में 91 फीसदी रहा था।
बैंक के पूरी तरह से पंजीकृत होने और निगम खंड में उसके परंपरागत समस्या ऋणों के लिए उपाय किए जाने के बाद इसका शुद्घ एनपीएल अनुपात मार्च 2019 के अंत के 10.1 फीसदी से कम होकर मार्च 2021 के अंत में दो फीसदी रह गया।
एजेंसी ने कहा कि बैंक का प्रावधान कवरेज अनुपात और शुद्घ एनपीएल अनुपात दोनों ही अन्य रेटिंग वाले भारतीय बैंकों के औसत क्रमश: 78.4 फीसदी और 2.8 फीसदी के मुकाबले बेहतर है। मुख्य इक्विटी टीयर 1 अनुपात के साथ पूंजी मजबूत हुई है। यह अनुपात मार्च 2021 के अंत में 13.1 फीसदी हो गया जो एक वर्ष पहले 10.6 फीसदी रहा था।
पांच वर्ष के घाटों के बाद लाभ में लौटने से बैंक की लाभप्रदता में सुधार आया है। मार्च, 2021 में समाप्त वर्ष में आरओए 0.4 फीसदी रहा।