गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) एक साल पहले की तुलना में इस समय नकदी के मोर्चे पर बेहतर स्थिति में हैं। इसकी वजह से एनबीएफसी ज्यादा कठिनाई के बगैर कर्ज दे सकती हैं, भले ही कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण उनके संग्रह में कमी आई है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट में यह सामने आया है। बहरहाल संग्रह में सुधार, महामारी की तीसरी लहर और फंड तक पहुंच पर नजदीक से नजर रखने की जरूरत होगी।
क्रिसिल ने नोट में कहा है, ‘चालू वित्त वर्ष में एक बार फिर दूसरी लहर के कारण संग्रह प्रभावित हुआ है। मई में यह गिरावट उल्लेखनीय थी, क्योंकि देश के ज्यादातर हिस्से में संक्रमण रोकने के लिए सख्ती की गई।
धीरे धीरे प्रतिबंध हटाए जाने से जून महीने में संग्रह में सुधार हुआ, लेकिन अभी भी यह मार्च, 2021 की तुलना में कम है।’ क्रिसिल रेटिंग के सीनियर डायरेक्टर कृष्णन सीतारमण ने कहा, ‘चुनौतियां महामारी से जुड़ी हुई हैं जो वित्त वर्ष के ज्यादातर हिस्से में बनी रहेंगी। ऐसी स्थिति में हम उम्मीद करते हैं कि तमाम एनबीएफसी नकदी की मजबूत स्थिति बनाए रखने की कवायद करेंगी।’