भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा है कि नया वित्त वर्ष (2021-22 या वित्त वर्ष 22) कोविड संक्रमण की दूसरी अप्रत्याशित लहर के साथ शुरू हुआ और कुल मिलाकर मांग और परिवारों की आमदनी भी कम थी। एसबीआई ने कहा है कि इस बार संक्रमण को लेकर बनाई गई रणनीति में पूरी तरह से लॉकडाउन से बचा गया और सूक्ष्म संक्रमण जोन बनाकर स्थिति पर काबू पाने की कवायद की गई, लेकिन इसके बावजूद अर्थव्यवस्था पर इसका असर पड़ा है।
शेयरधारकों को भेजे गए संदेश में एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा, ‘महामारी की दूसरी लहर की वजह से संपत्ति की गुणवत्ता में संभावित गिरावट के बारे में अनुमान लगाना अभी बहुत जल्दबाजी होगी।’
शेयरधारकों के साथ सालाना वार्षिक बैठक 25 जून से होनी है।
उन्होंने कहा है कि समाधान के लिए प्री पैकेज इन्सॉल्वेंसी, अदालतों की बहाली और राष्ट्रीय संपत्ति पुननिर्माण कंपनी के गठन के कारण वित्त वर्ष 22 में दबाव वाली संपत्तियों की रिकवरी में मदद मिलेगी। मार्च 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में एसबीआई की रिकवरी 17,632 करोड़ रुपये रही, जो 2019-20 के 25,781 करोड़ रुपये की तुलना में कम है।
सकल गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) मार्च, 2021 में घटकर 4.98 प्रतिशत रह गई है, जो मार्च, 2020 में 6.15 प्रतिशत थी। मार्च, 2021 में शुद्ध एनपीए 1.5 प्रतिशत रह गई, जो मार्च, 2020 में 2.2 प्रतिशत थी।
वित्त वर्ष 21 के अंत में प्रॉविजन कवरेज रेश्यो सुधरकर 87.75 प्रतिशत हो गया, जो मार्च, 2020 में 83.62 प्रतिशत था।
खारा ने कहा कि वृद्धि के लिए पूंजी के मामले में एसबीआई की स्थिति बेहतर है। उन्होंने कहा कि जोखिम कम करने और पोर्टफोलियो में विविधीकरण के लिए बैंक प्रमुख क्षेत्रों को कर्ज देने की संभावनाएं तलाशेगा। बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात मार्च, 2021 में बढ़कर 13.74 प्रतिशत हो गया, जो एक साल पहले 13.06 प्रतिशत था।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का मुनाफा 4 गुना बढ़ा
वित्त वर्ष 21 में भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) ने शुद्ध मुनाफे में 4 गुना वृद्धि दर्ज की है। पेंशन के लिए 1,475.69 करोड़ रुपये का प्रावधान करने के बावजूद शुद्ध मुनाफा 1,004.28 करोड़ रुपये रहा है। देश के सबसे बड़े कर्जदाता स्टेट बैंक द्वारा प्रायोजित 14 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को वित्त वर्ष 20 में 248.8 करोड़ रुपये मुनाफा हुआ था। बीएस