उज्जीवन स्मॉल फाइनैंस बैंक (एसएफबी) और इक्विटास एसएफबी के आईपीओ में दांव लगाना एक खास अनुभव था। जहां उज्जीवन दिसंबर 2019 में सूचीबद्घ हुआ, वहीं इक्विटास का आईपीओ अक्टूबर 2020 में आया। जब उज्जीवन एसएफबी को सूचीबद्घ कराया गया था, जब महामारी का अंदाजा नहीं था, जबकि इक्विटास के मामले में, महामारी का प्रभाव बहुत ज्यादा सटीक नहीं था।
दिसंबर 2020 तिमाही परिणाम में यह स्पष्ट हो गया कि दोनों बैंकों को महामारी के दबाव से उबरने में कुछ समय लगेगा। उज्जीवन का प्रोफॉर्मा सकल एनपीए 4.8 प्रतिशत पर और इक्विटास का 4.24 प्रतिशत पर था। दर्ज सकल एनपीए काफी कम था। विश्लेषकों के अनुसार, उज्जीवन की वित्त वर्ष 2021 की अनुमानित ऋण लागत करीब 5 प्रतिशत है, जबकि इक्विटास के लिए यह 2.5 प्रतिशत पर है, जो नोटबंदी के बाद दोनों बैंकों के लिए सर्वाधिक है।
प्रावधान लागत एक साल पहले के 30 करोड़ रुपये से बढ़कर तीसरी तिमाही में 583 करोड़ रुपये रही, वहीं उज्जीवन का परिचालन लाभ 204 करोड़ रुपये और शुद्घ नुकसान 279 करोड़ रुपये रहा, जो नोटबंदी के बाद सबसे ज्यादा नुकसान वाली तिमाही रही। इक्विटास के मामले में, 275 करोड़ रुपये का परिचालन लाभ घटकर 110 करोड़ रुपये के शुद्घ लाभ में तब्दील हुआ, जिसमें प्रावधान में हुई तीन गुना वृद्घि मुख्य वजह रही। माइक्रोफाइनैंस सेगमेंट दोनों बैंकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। जहां उज्जीवन को अपने एमएफआई पोर्टफोलियो को लेकर असम से समस्या देखने को मिली, वहीं इक्विटास ने महाराष्ट्र और पंजाब में दबाव दर्ज किया जिससे बैंक के एमएफआई सेगमेंट का सकल एनपीए तीसरी तिमाही में बढ़कर 5.22 प्रतिशत हो गया।
अब, दोनों बैंक मार्च तिमाही तक ऋण लागत सामान्य हो जाने की दिशा में बढ़ रहे हैं। हालांकि उनका जोर अपने व्यवसायों में विविधता लाना है, लेकिन ऋण लागत आगामी वर्षों में भी ऊंची बनी रह सकती है।
एमके ग्लोबल फाइनैंशियल के विश्लेषकों का कहना है, ‘उज्जीवन एसएफबी का दीर्घावधि परिदृश्य उसकी देनदारी क्षमता में सुधार और परिसंपत्ति संबंधित विविधता पर निर्भर है, जो कोविड-19, ऋण माफी और प्राकृतिक आपदाओं जैसे झटकों के लिहाज से कमजोर बना हुआ है।’
ऐंटीक स्टॉक ब्रोकिंग की विधि शाह का कहना है कि इक्विटास एसएफबी अपने मौजूदा शाखा नेटवर्क को मजबूत बनाकर सुरक्षित उत्पादों में अपने व्यवसाय का दायरा बढ़ा सकता है। वह कहती हैं, ‘हालांकि आपको अप्रत्याशित गैर-एमएफआई बुक के साथ साथ एमएफआई बहीखाते में दबाव पर नजर रखने की जरूरत होगी, क्योंकि इससे परिसंपत्ति गुणवत्ता को लेकर समस्या बढ़ सकती है और इससे मुनाफा प्रभावित हो सकता है।’
मूल्यांकन के संदर्भ में, वित्त वर्ष 2022 की अनुमानित बुक के 1 गुना पर इक्विटास एसएफबी फिलहाल उज्जीवन के 1.8 गुना के मुकाबले बेहतर दिख रहा है। हालांकि दोनों बैंकों में परिसंपत्ति गुणवत्ता से जुड़ी अनिश्चिताओं को देखते हुए, निवेशक इनसे दूरी बनाए रह सकते हैं।