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Apple iPhone Hacking: कार्ति और ब्रिटास ने संसदीय समिति बुलाने की मांग उठाई

सूत्रों ने बताया कि जाधव को लिखे एक पत्र में समिति के सदस्य कार्ति चिदंबरम ने उनसे उन सभी लोगों को बैठक में बुलाने का आग्रह किया है, जिन्हें ऐपल से चेतावनी संदेश मिले हैं।

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भाषा   
Last Updated- November 01, 2023 | 10:18 PM IST

कांग्रेस के लोकसभा सदस्य कार्ति चिदंबरम और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास ने सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष प्रतापराव जाधव से आग्रह किया है कि वह कई विपक्षी सदस्यों के आईफोन में ‘सरकार प्रायोजित सेंधमारी के प्रयास’ के मामले में बैठक बुलाएं।

सूत्रों ने बताया कि जाधव को लिखे एक पत्र में समिति के सदस्य कार्ति चिदंबरम ने उनसे उन सभी लोगों को बैठक में बुलाने का आग्रह किया है, जिन्हें ऐपल से चेतावनी संदेश मिले हैं। कार्ति ने यह आग्रह भी किया कि समिति की बैठक में ऐपल के प्रतिनिधियों को भी बुलाया जाए।

माकपा सांसद ब्रिटास ने जाधव को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह ऐपल मामले पर बैठक बुलाएं। वह भी इस समिति के सदस्य हैं। उनका कहना है कि यह गंभीर विषय है क्योंकि इससे आईफोन का इस्तेमाल करने वालों की सुरक्षा और निजता से छेड़छाड़ का प्रयास किया गया है।

वहीं भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि संसदीय समिति ऐपल के चेतावनी संदेश मामले पर विचार नहीं कर सकती क्योंकि यह केंद्र सरकार और पुलिस के अधिकारक्षेत्र का विषय है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘अखबार में बयान देकर दबाव बनाने से देश नहीं चलता। सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति अब राहुल गांधी जी द्वारा संचालित नहीं है जैसा कि शशि थरूर जी (अध्यक्ष रहने) के समय थी।’

दुबे ने लोकसभा के नियमों का हवाला देते हुए कहा, ‘यह समिति लोकसभा के नियमों के तहत चलती है। लोकसभा के नियम के तहत ऐपल की जांच केंद्र सरकार व फोन की जांच राज्य पुलिस का है। इस विषय पर हमारी समिति बैठक नहीं कर सकती। इस समिति का मैं सदस्य हूं।’

विपक्ष के कई नेताओं ने मंगलवार को दावा किया था कि उन्हें उनके आईफोन में ‘सरकार प्रायोजित सेंधमारी के प्रयास’ के बारे में ऐपल से चेतावनी संदेश मिला है तथा इस कथित हैकिंग के प्रयास के लिए सरकार जिम्मेदार है।

केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया था और कहा था कि सरकार इसकी गहन जांच कराएगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल, शशि थरूर, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत एवं टी. एस. सिंहदेव, शिवसेना (उद्धव) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के असदुद्दीन ओवैसी को भी इसी तरह के संदेश मिले हैं।

First Published : November 1, 2023 | 10:18 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)