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अरब सागर में बन रहा चक्रवाती तूफान! भारत में मॉनसून के आगमन में हो सकती है देरी

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भाषा   
Last Updated- June 06, 2023 | 11:17 AM IST

Monsoon in India: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को कहा कि गुजरात में दक्षिणी पोरबंदर में दक्षिणपूर्व अरब सागर पर निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ सकता है और चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है। मौसम विभाग ने एक बुलेटिन में कहा कि निम्न दबाव का क्षेत्र सुबह साढ़े पांच बजे पश्चिम-दक्षिणपश्चिम गोवा से करीब 920 किलोमीटर, दक्षिण-दक्षिणपश्चिम मुंबई से 1,120 किमी, दक्षिण पोरबंदर से 1,160 किमी और पाकिस्तान में दक्षिण कराची से 1,520 किलोमीटर पर बना हुआ था।

इसमें कहा गया है, ‘दबाव के क्षेत्र के अगले 24 घंटे के दौरान उत्तर की ओर बढ़ने तथा पूर्व-मध्य अरब सागर और उससे सटे दक्षिणपूर्व अरब सागर पर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है।’ IMD ने सोमवार को कहा था कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और अगले दो दिनों में इसमें तेजी आने के कारण चक्रवाती हवाएं मॉनसून के केरल तट की ओर आगमन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं।

हालांकि, मौसम विभाग ने केरल में मॉनसून के आगमन की संभावित तारीख नहीं बताई। निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काइमेट वेदर’ ने बताया कि केरल में मॉनसून आठ या नौ जून को दस्तक दे सकता है लेकिन हल्की बारिश की ही संभावना है। उसने कहा, ‘अरब सागर में मौसम की ये शक्तिशाली प्रणालियां अंदरुनी क्षेत्रों में मॉनसून के आगमन को प्रभावित करती हैं। इसके प्रभाव में मानसून तटीय हिस्सों में पहुंच सकता है लेकिन पश्चिम घाटों से आगे जाने में उसे संघर्ष करना पड़ेगा।’

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून आम तौर पर एक जून को लगभग सात दिनों के मानक विचलन के साथ केरल में प्रवेश करता है। मई के मध्य में, IMD ने कहा था कि मॉनसून चार जून तक केरल में आ सकता है। दक्षिण-पूर्वी मॉनसून पिछले साल 29 मई, 2021 में तीन जून, 2020 में एक जून, 2019 में आठ जून और 2018 में 29 मई को पहुंचा था।

IMD ने पूर्व में कहा था कि अल नीनो की स्थिति विकसित होने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। वैज्ञानिकों का कहना है कि केरल में मॉनसून में थोड़ी देर होने का मतलब यह नहीं होता कि मॉनसून देश के अन्य हिस्सों में भी देरी से पहुंचेगा। इससे मॉनसून के दौरान देशभर में कुल वर्षा पर भी असर नहीं पड़ता।

IMD ने पहले कहा था कि भारत में अल-नीनो की बदलती परिस्थितियों के बावजूद दक्षिणपश्चिम मॉनसून के दौरान सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से कम बारिश होने की उम्मीद है। पूर्व और उत्तर पूर्व, मध्य और दक्षिण प्रायद्वीप में लंबी अवधि के औसत (एलपीए) 87 सेंटीमीटर के हिसाब से 94-106 प्रतिशत वर्षा होने की उम्मीद है।

First Published : June 6, 2023 | 11:15 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)