PTI
दिल्ली सरकार 26 नॉन-कंफर्मिंग औद्योगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास करने जा रही है। इसके विकसित होने से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इसके मद्देनजर बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के 26 नॉन-कंफर्मिंग औद्योगिक क्षेत्रों को कंफर्मिंग एरिया बनाने के लिए सभी क्षेत्रों का पुनर्विकास किया जाएगा। इससे यहां तकरीबन 6 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी। उन्होंने बताया कि नॉन-कंफर्मिंग औद्योगिक क्षेत्रों में ले-आउट प्लान बनाने का 90 फीसदी खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी। केवल 10 फीसदी हिस्सा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन से लिया जाएगा। जिससे कि इंडस्ट्री की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा सके।
पुनर्विकास कार्य पूरा होने के बाद इसे कंफर्मिंग एरिया घोषित कर दिया जाएगा। जिसके बाद इन औद्योगिक क्षेत्रों के उद्यमियों को कर्ज मिलने में आसानी होगी। इन नॉन-कंफर्मिंग नोटिफाइड इंडस्ट्रीयल एरिया का पुनर्विकास कर विश्व स्तरीय औद्योगिक क्षेत्रों में बदला जाएगा। वर्तमान में इन इलाकों में 51 हजार यूनिट्स चल रहे है और इससे हजारों लोगों की आजीविका जुड़ी है। इसके बाद भी इन नॉन-कंफर्मिंग औद्योगिक क्षेत्रों में सीलिंग की तलवार लटकी रहती है।
1- ले-आउट तैयार करना और अप्रूवलः दिल्ली सरकार के पैनलबद्ध सलाहकारों द्वारा सेफ्टी और अपग्रेडेड फैसिलिटी को सुनिश्चित करने के लिए एमपीडी-2041 की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक ले-आउट योजना तैयार की जाएगी। यह ले-आउट योजना स्थानीय उद्योग एसोसिएशन या सोसायटी के साथ साझेदारी में सलाहकारों द्वारा तैयार की जाएगी।
2. बुनियादी ढांचे का पुनर्विकासः केजरीवाल सरकार द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों को हरा-भरा, स्वच्छ और बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। सीवेज, सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र, पेयजल आपूर्ति, औद्योगिक अपशिष्ट निपटान की व्यवस्था और सड़कों को बेहतर किया जाएगा। इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के लिए डेवलपर्स को इंगेज किया जाएगा।
3.कॉमन फैसिलिटी सेंटर्स का निर्माणः औद्योगिक क्षेत्र की जरूरत के हिसाब से यहां एक्सपीरियंस सेंटर, टूल रूम, प्रोसेसिंग सेंटर, अनुसंधान एवं विकास, मान्यता प्राप्त टेस्ट लैब, ट्रेनिंग सेंटर, बिजनेस कन्वेंशन सेंटर, रॉ मेटिरियल बैंक और लॉजिस्टिक सेंटर समेत तमाम तरह की सुविधाओं उपलब्ध होगी।
दिल्ली सरकार जिन नॉन-कंफर्मिंग औद्योगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास करने जा रही है, उनमें आनंद पर्वत, शाहदरा, समयपुर बादली, जवाहर नगर, सुल्तानपुर माजरा, हस्तसाल पॉकेट-ए, नरेश पार्क एक्सटेंशन, लिबासपुर, पीरागढ़ी गांव, ख्याला, हस्तसाल पॉकेट-डी, शालीमार गांव, न्यू मंडोली, नवादा, रिठाला, स्वर्ण पार्क मुंडका, हैदरपुर, करावल नगर, डाबरी, बसई दारापुर, प्रह्लादपुर बांगर, मुंडका उद्योग नगर दक्षिण, फिरनी रोड मुंडका, रणहोला, नंगली सकरावती, टिकरी कलां शामिल हैं।