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कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा का निधन

पूर्व विदेश मंत्री और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस.एम. कृष्णा का निधन, राजनीति में अपार योगदान

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भाषा   
Last Updated- December 10, 2024 | 10:13 PM IST

पूर्व विदेश मंत्री एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस.एम. कृष्णा का सोमवार को देर रात उनके आवास पर निधन हो गया। उनके परिवार के एक सूत्र ने बताया कि वरिष्ठ राजनेता एसएम कृष्णा (92) कुछ समय से बीमार थे। सूत्र ने बताया, ‘एसएम कृष्णा अब नहीं रहे। उन्होंने अपने आवास पर रात 2 बजकर 45 मिनट पर अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर को मंगलवार को मद्दुर ले जाए जाने की संभावना है।’

सोमनहल्ली मल्लैया कृष्णा के परिवार में उनकी पत्नी प्रेमा और दो बेटियां शांभवी एवं मालविका हैं। कर्नाटक के मांड्या जिले के सोमनहल्ली में 1 मई, 1932 को जन्मे कृष्णा ने 1962 में मद्दुर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल कर अपने राजनीतिक ‘करियर’ की शुरुआत की थी। कांग्रेस में शामिल होने से पहले वह प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से जुड़े थे। बाद में मार्च 2017 में वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए और कांग्रेस के साथ उनके करीब 50 साल पुराने संबंध टूट गए।

कृष्णा ने पिछले वर्ष जनवरी में अपनी बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की थी। वह 11 अक्टूबर, 1999 से 28 मई, 2004 तक कर्नाटक के 16वें मुख्यमंत्री रहे। उस समय वह कांग्रेस में थे। उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया और 2009 से 2012 तक मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान विदेश मंत्री रहे।

उन्होंने मैसूरु के महाराजा कॉलेज से स्नातक की उपाधि ली तथा यहीं के सरकारी ‘लॉ कॉलेज’ से कानून की डिग्री प्राप्त की। विधि में स्नातक कृष्णा ने पहले अमेरिका के टेक्सस स्थित सदर्न मेथोडिस्ट यूनिवर्सिटी, डलास में और बाद में वॉशिंगटन डीसी स्थित जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी लॉ स्कूल में अध्ययन किया, जहां वे ‘फुलब्राइट स्कॉलर’ (अमेरिका का अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का प्रमुख कार्यक्रम) थे।

कृष्णा, दिसंबर 1989 से जनवरी 1993 तक कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष रहे। वह 1971 से 2014 के बीच कई बार लोकसभा तथा राज्यसभा के सदस्य भी चुने गए। कृष्णा, कर्नाटक विधानसभा तथा विधान परिषद दोनों के सदस्य रहे और 1993 से 1994 तक उन्होंने उपमुख्यमंत्री के रूप में भी जिम्मेदारी संभाली थी। कर्नाटक में 1999 के विधानसभा चुनावों से पहले वह प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष थे। इस चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई और वह मुख्यमंत्री बने। कृष्णा को कई लोग बेंगलूरु को वैश्विक मानचित्र पर लाने का श्रेय देते हैं। उनके कार्यकाल के दौरान कर्नाटक में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र को बढ़ावा मिला और बेंगलूरु, भारत की ‘सिलिकॉन वैली’ के रूप में विकसित हुआ।

कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कृष्णा के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘कर्नाटक और राष्ट्र के विकास में कृष्णा का अपार योगदान अविस्मरणीय है।’ राज्यपाल ने कहा, ‘उनके निधन से हुई क्षति अपूरणीय है। उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं।’

First Published : December 10, 2024 | 10:13 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)