Manipur Violence: मणिपुर में इंफाल घाटी के विभिन्न जिलों में गुस्साई भीड़ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन तथा कांग्रेस के एक विधायक के आवास को लगा दी। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर भी धावा बोलने की कोशिश की। हालात को काबू करने के लिए गृह मंत्रालय हरकत में आ गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया।
इस बीच, नैशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने रविवार को यह दावा करते हुए हिंसा प्रभावित मणिपुर की भाजपा नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया कि एन बीरेन सिंह शासन इस पूर्वोत्तर राज्य में ‘संकट का समाधान करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह से नाकाम’ रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने निंगथौखोंग में लोक निर्माण मंत्री गोविंददास कोंथौजम, लैंगमीडोंग बाजार में हियांगलाम से भाजपा विधायक वाई राधेश्याम, थौबल जिले में वांगजिंग टेंथा के भाजपा विधायक पाओनम ब्रोजेन और इंफाल पूर्वी जिले में खुंद्राक्पम के कांग्रेस विधायक लोकेश्वर के घरों में आग लगा दी।
पुलिस ने बताया कि गुस्साई भीड़ ने विधायकों के आवासीय परिसरों पर धावा बोला, संपत्ति में तोड़फोड़ की और घरों में आग लगाई। हालांकि, इस दौरान विधायक और उनके परिवार के सदस्य घर पर मौजूद नहीं थे। अधिकारियों के अनुसार, इन घटनाओं में घर आंशिक रूप से जल गए।
प्रदर्शनकारियों ने शनिवार रात इंफाल पूर्वी क्षेत्र में लुवांगसांगबाम स्थित बीरेन सिंह के पैतृक निवास पर भी हमला करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें 100-200 मीटर पहले ही रोक दिया था। अधिकारियों ने बताया कि असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और राज्य के बलों सहित सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, रबड़ की गोलियां चलाईं और सिंह के घर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश को नाकाम कर दिया।