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SCO: भारत आएंगे बिलावल भुट्टो, 2014 के बाद होगा किसी पाकिस्तानी नेता का पहला दौरा

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भाषा
Last Updated- April 20, 2023 | 3:53 PM IST

पाकिस्तान ने गुरुवार को घोषणा की कि विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी अगले महीने भारत में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेंगे। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

इसके बाद दोनों देशों के संबंधों में आई कड़वाहट के कम होने की उम्मीद है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जेहरा बलूच ने यहां साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की।

बलूच ने कहा, ‘बिलावल भुट्टो जरदारी भारत के गोवा में 4-5 मई, 2023 को होने वाली SCO विदेश मंत्री परिषद (CFM) की बैठक में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।’

इसके साथ ही हफ्तों से चली आ रही इन अटकलों पर विराम लग गया कि भुट्टो व्यक्तिगत रूप से सम्मेलन में हिस्सा लेंगे या नहीं।

बलूच ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के निमंत्रण पर सम्मेलन में शामिल होंगे।

उन्होंने कहा, ‘बैठक में हमारी भागीदारी SCO चार्टर और प्रक्रियाओं के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता और पाकिस्तान की विदेश नीति की प्राथमिकताओं में क्षेत्र को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है।’

यह हाल के वर्षों में किसी भी पाकिस्तानी नेता का भारत का पहला उच्चस्तरीय दौरा होगा। इससे दोनों देशों के संबंधों में आई कड़वाहट के कम होने की उम्मीद है।

फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट कर दिया था, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए थे।

अगस्त 2019 में भारत ने जम्मू- कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेकर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था, जिसके बाद दोनों देशों के संबंधों में और कड़वाहट पैदा हो गई।

भारत कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी की तरह संबंध रखना चाहता है। हालांकि दूसरी ओर वह इस बात पर जोर देता है कि ऐसे संबंध कायम करने के लिए आतंकवाद और तनावमुक्त माहौल बनाना पाकिस्तान की जिम्मेदारी है।

पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने 2011 में भारत का दौरा किया था। मई 2014 में, पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत आए थे।

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दिसंबर 2015 में, तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान का दौरा किया था और कुछ दिन बाद मोदी थोड़ी देर के लिए पाकिस्तान में रुके थे।

SCO की स्थापना 2001 में शंघाई में हुए रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों के शिखर सम्मेलन में की गई थी। बाद के वर्षों में यह सबसे बड़े क्षेत्रीय संगठनों में से एक बनकर उभरा। भारत और पाकिस्तान 2017 में चीन में स्थित SCO के स्थायी सदस्य बने थे।

First Published : April 20, 2023 | 3:50 PM IST