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ऑनलाइन दवाओं पर नीति बनाने के अंतिम अवसर से भी चूकी केंद्र सरकार, दिल्ली हाईकोर्ट ने वार्निंग के साथ दी थी डेडलाइन

दिल्ली हाईकोर्ट की सुनवाई कई याचिकाओं पर हुई। इसमें केंद्र द्वारा ई-फार्मेसी पर कार्रवाई नहीं करने के खिलाफ SCDA और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं सहित अन्य अनुरोध भी शामिल थे।

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संकेत कौल   
Last Updated- July 09, 2024 | 9:36 AM IST

Policy for the online sale of drugs: दिल्ली स्थित साउथ केमिस्ट्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन (SCDA) के एक बयान के अनुसार, केंद्र सरकार ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि वह निर्धारित समय सीमा के भीतर ऑनलाइन दवाओं की बिक्री के लिए नीति बनाने में असमर्थ रही है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस साल मार्च में सरकार को नीति बनाने के लिए चार महीने का अंतिम अवसर दिया था, जिसके बाद कोर्ट ने कहा था कि अगर ऐसा केंद्र नहीं कर पाता तो वह इस मामले को मेरिट के आधार पर सुनेगा।

ई-फार्मेसी पर कार्रवाई नहीं करने के खिलाफ SCDA

सुनवाई कई याचिकाओं पर हुई, जिनमें केंद्र सरकार द्वारा ई-फार्मेसी पर कार्रवाई नहीं करने के खिलाफ SCDA और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं सहित अन्य अनुरोध भी शामिल थे।

ऑनलाइन दवाओं पर यह सुनवाई मद्रास हाईकोर्ट द्वारा भी केंद्र सरकार और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) को ऑनलाइन दवाओं की बिक्री के लिए नीति को अंतिम रूप देने और जल्द से जल्द सूचित करने के निर्देश देने के एक सप्ताह बाद हुई।

केंद्र ने अगस्त 2018 में ऑनलाइन दवाओं की बिक्री के लिए एक मसौदा अधिसूचना (draft notification ) जारी किया था, जिसके बाद ये याचिकाएं दायर की गई थीं। याचिकाओं में तर्क दिया गया कि दवाओं और प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की ऑनलाइन बिक्री अवैध है और कानून का कोई आदेश नहीं है।

E-Drugs Policy पर केंद्र सरकार कई बार से करती आ रही है समय बढ़ाने की मांग

दिसंबर 2018 में, दिल्ली हाईकोर्ट ने ई-फार्मेसियों द्वारा दवाओं की ऑनलाइन बिक्री को रोकने का आदेश पारित किया था क्योंकि इसके लिए ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 और फार्मेसी एक्ट, 1948 के तहत अनुमति नहीं थी। मंत्रालय तब से नीति बनाने के लिए समय विस्तार का अनुरोध करता आ रहा है।

नवंबर 2023 में, मंत्रालय ने फिर से अधिक समय का अनुरोध करते हुए कहा कि ऑनलाइन दवाओं की बिक्री का विषय जटिल प्रकृति का है और दवाओं की बिक्री के तरीके में कोई भी संशोधन दूरगामी परिणाम होंगे और कई अधिनियमों और नियमों/विनियमों (acts and rules/regulations) में परिवर्तन शामिल होंगे।

दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा था

अदालत ने तब निर्देश दिया था कि अगर निर्धारित अवधि के भीतर नीति नहीं बनाई जाती है, तो इस नीति से निपटने वाले संयुक्त सचिव (joint secretary) को अगली सुनवाई की तारीख पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा।

जॉइंट सेक्रेटरी मार्च इस वर्ष की सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित थे, जब सरकार को नीति बनाने के लिए जुलाई 2024 तक का अंतिम अवसर दिया गया था।

अब ऑनलाइन दवा बिक्री के इस मामले की सुनवाई 3 सितंबर, 2024 को निर्धारित की गई है।

First Published : July 9, 2024 | 9:15 AM IST