Varanasi Dairy Plant: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को वाराणसी में अमूल के देश में सबसे बड़े प्लांट बनास डेयरी का उद्घाटन करेंगे। अमूल की इस इकाई से करीब 1 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इसके शुरू होने से पूर्वांचल के किसानों व गौ-पालकों की आय भी दोगुनी होगी। दुग्ध उत्पादकों को वर्ष के अंत में कंपनी अपने लाभांश का कुछ प्रतिशत भुगतान भी करेगी।
पूर्वांचल के लोग दूध के साथ मिठाई, आइसक्रीम, पनीर, खोआ, घी और अन्य मिल्क प्रोडक्ट का स्वाद चख सकेंगे। इसमें बनारस का खास लौंगलता और लाल पेड़ा भी होगा। करीब 622 करोड़ रुपये की लागत से बने इस प्लांट का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 दिसंबर 2021 को किया था। बनास डेयरी अमूल इंडस्ट्रियल एरिया का निर्माण करखियांव, एग्रो पार्क में 30 एकड़ में हुआ है।
वाराणसी में लगे रहे बनास डेयरी प्लांट से पूर्वांचल के लगभग 1,346 गांवों में रोजगार के अवसर खुलेंगे। इससे अप्रत्यक्ष रूप से करीब 1 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इस परियोजना से फैक्टरी में करीब 750 लोगों को प्लांट में प्रत्यक्ष और करीब 2,350 लोगों को फील्ड में रोजगार मिलेगा।
अमूल बनास काशी संकुल परियोजना के चेयरमैन शंकर भाई चौधरी ने बताया कि इस प्लांट में अत्याधुनिक तकनीक के उपकरण लगे हैं। यह पूरी तरह स्वयं संचालित होगा। प्लांट के 5 से 50 किलोमीटर के दायरे में दूध कलेक्शन के लिए 5 चिलिंग सेंटर शुरू हो चुका है। पूर्वांचल में कुल 13 चिलिंग सेंटर होगा। कंपनी हर गांव में दूध कलेक्शन सेंटर खोलेगी। इसके लिए हर गांव में दुग्ध क्रय समिति बनाई जा रही है। जो स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेस के तहत दूध खरीदेगी। निर्धारित समय पर कंपनी की गाड़ी से दूध का कलेक्शन किया जाएगा।
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बनास डेरी के एमडी संग्राम चौधरी ने बताया कि अभी 5 जिले गाज़ीपुर, मीरजापुर, चंदौली, वाराणसी, संतरविदास नगर के किसान लाभान्वित हो रहे हैं। भविष्य में जौनपुर, आजमगढ़, कौशांबी, प्रयागराज, अंबेडकर नगर, बलिया, मऊ, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थ नगर, बस्ती, संतकबीर नगर, गोरखपुर के किसान और गो पालक लाभान्वित होंगे। इस प्लांट में प्राकृतिक संसाधनों को कम प्रयोग करने के लिए 4 एलएलपीडी क्षमता वाला एक ईटीपी प्लांट (पानी का पुनःउपयोग करने वाला) के साथ ही एक मेगावाट क्षमता वाला सौर प्लांट भी स्थापित किया गया है।
कार्यपालक निदेशक ब्रिगेडियर विनोद बाजिया ने बताया कि भविष्य में अच्छे नस्लों के पशुओं के लिए कंपनी में कृत्रिम गर्भाधान की भी व्यवस्था है, जिससे अधिक दुग्ध उत्पादन हो सके। कंपनी की ओर से दुग्ध उत्पादकों को उच्च गुणवत्ता वाला पशु आहार भी उपलब्ध कराया जाएगा। डेयरी प्लांट की प्रसंस्करण क्षमता 10 लाख लीटर प्रतिदिन की है, जिसे बढ़ाकर 15 लाख लीटर किया जा सकता है