facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

ईरान से तेल आयात की अनुमति दे अमेरिका

Last Updated- December 14, 2022 | 8:37 PM IST

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश भारत चाहता है कि नई अमेरिकी सरकार ईरान और वेनेजुएला से तेल आपूर्ति फिर शुरू करने की अनुमति दे ताकि देश को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिये ज्यादा विकल्प मिलें। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की अगुवाई वाली सरकार के अंतर्गत ईरान और वेनेजुएला से तेल आयात फिर शुरू होने की उम्मीद से जुड़े सवाल के जवाब में प्रधान ने कहा, ‘खरीदार के रूप में, मैं चाहूंगा कि खरीद के लिये और जगह हों। मैं चाहूंगा कि तेल खरीद के लिये और विकल्प मौजूद हों।’ भारत के लिये ईरान 2020-11 तक कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता रहा है, लेकिन संदिग्ध परमाणु कार्यक्रम को लेकर पश्चिमी देशों की पाबंदी के कारण वहां से आयात कम होता गया।
अमेरिका के ईरान पर मई 2019 में आर्थिक पाबंदियां फिर से लगाये जाने के बाद भारत ने वहां से कच्चे तेल का आयात बंद कर दिया। वेनेजुएला की बात की जाए तो यह भारत का चौथा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता रहा है, लेकिन अमेरिका के वेनेजुएला की सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी पीडीवीएसए पर जनवरी 2019 में पाबंदी लगाए जाने के बाद आयात कम हुआ है। अमेरिका ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर दबाव बनाने के लिये यह कदम उठाया। ‘आत्मनिर्भर भारत का रास्ता’ विषय पर स्वराज मैग्जीन के वेबिनार (इंटरनेट के जरिये आयोजित कार्यक्रम) में प्रधान से यह पूछा गया था कि क्या भारत जैसा तेल का बड़ा उपभोक्ता देश चाहेगा कि बाइडन प्रशासन ईरान और वेनेजुएला पर पाबंदी में ढील दे। भारत-अमेरिकी संबंधों के बारे में मंत्री ने कहा कि अमेरिका में सरकार बदलने से भारत के साथ उसके संबंधों के मामले में कुछ नहीं बदलेगा।  उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों के बीच रिश्ते प्रगाढ़ हैं। दोनों एक-दूसरे पर निर्भर हैं। हमारा संबंध मजबूत है।’

66 अरब डॉलर के निवेश का अनुमान
प्रधान ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिये स्वच्छ ईंधन पर सरकार के जोर के बीच भारत में गैस ढांचागत सुविधाओं में 66 अरब डॉलर के निवेश का अनुमान है। सरकार ने 2030 तक ऊर्जा क्षेत्र में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है जो फिलहाल 6.3 प्रतिशत है। इससे गैस खपत में कई गुना वृद्धि की उम्मीद है। 

बीपीसीएल के लिए तीन बोलियां मिलीं
सरकार को देश की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) की नियंत्रक हिस्सेदारी की बिक्री के लिए तीन शुरुआती बोलियां मिली हैं। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को यह जानकारी दी। खनन से लेकर तेल क्षेत्र में कार्यरत वेदांता ने 18 नवंबर को इस बात की पुष्टि की है कि उसने बीपीसीएल में सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए रुचि पत्र (ईओआई) दिया है।

हिस्सा खरीदने को एक्सॉन कर रही बात
प्रधान ने कहा है कि ऊर्जा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एक्सॉन मोबिल कॉरपोरेशन भारत के तेल एवं गैस उत्पादक क्षेत्रों में हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। एक्सॉन मोबिल ने पिछले साल अक्टूबर में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल ऐंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के साथ सहमति ज्ञापन (एमओयू) किया था।    

First Published - December 2, 2020 | 11:41 PM IST

संबंधित पोस्ट