भारत के कृषि सुधारों पर ब्रिटिश संसद में ‘अवांछित एवं एक विशेष विचार का समर्थन करने वाली चर्चा कराये जाने को लेकर यहां विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को ब्रिटेन के उच्चायुक्त को तलब किया और अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेश सचिव हर्ष वर्धन शृंगला ने ब्रिटेन के उच्चायुक्त से कहा भारत के कृषि सुधारों पर ब्रिटिश संसद में चर्चा कराया जाना दूसरे लोकतांत्रिक देश की राजनीति में दखलअंदाजी है।
मंत्रालय ने कहा कि विदेश सचिव ने उच्चायुक्त को यह हिदायत भी दी कि ब्रिटिश सांसदों को विशेष रूप से अन्य लोकतांत्रिक देश से जुड़े घटनाक्रमों पर वोट बैंक की राजनीति करने से बचना चाहिए। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘विदेश सचिव ने ब्रिटिश उच्चायुक्त को तलब किया और भारत के कृषि सुधारों पर ब्रिटिश संसद में ‘अवांछित एवं एक विशेष विचार का समर्थन करने वाली’ चर्चा को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया।’ बयान में कहा गया है, ‘विदेश सचिव ने स्पष्ट कर दिया कि यह दूसरे लोकतांत्रिक देश की राजनीति में पूरी तरह से दखलअंदाजी है।’
इससे पूर्व सोमवार की शाम को लंदन में भारतीय उच्चायोग ने ब्रिटिश सांसदों के बीच हुई चर्चा की निंदा की। उच्चायोग ने ब्रिटेन के संसद परिसर में हुई चर्चा की निंदा करते हुए कहा कि इस ‘एक तरफा चर्चा’ में झूठे दावे किए गए हैं। भारतीय मिशन ने ब्रिटिश मीडिया सहित विदेशी मीडिया के भारत में चल रहे किसानों के प्रदर्शन का खुद साक्षी बन खबरें देने का जिक्र किया और कहा कि इसलिए ‘भारत में प्रेस की स्वतंत्रता में कमी पर कोई सवाल नहीं उठता।’